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Jagannath Temple Corridor: भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा देने के लिए ओडिशा सरकार ने जगन्नाथ मंदिर कॉरिडोर का निर्माण कराया है।

नई दिल्ली. राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा से पहले देश के लोगों को एक और तोहफा मिलने जा रहा है। दरअसल, ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने पुरी में श्री मंदिर प्रोजेक्ट का काम पूरा कर लिया है। वहीं, 15 से 17 जनवरी के बीच जगन्नाथ मंदिर कॉरिडोर का उद्घाटन कार्यक्रम राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से 7 दिन पहले रखा गया है। बता दें कि इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार ने अपने खजाने से 943 करोड़ रुपए खर्च किया है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश भर के 1000 से ज्यादा मंदिरों को न्यौता भेजा गया है। वहीं, नेपाल के राजा बतौर मुख्य अतिथी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

943 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है श्री मंदिर प्रोजेक्ट
भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा देने के लिए 15 से 17 जनवरी के बीच ओडिशा सरकार भव्य कार्यक्रम के जरिए पुरी में प्रतिष्ठित जगन्नाथ मंदिर के कॉरिडोर का उद्घाटन करने वाली है। इसे श्री मंदिर परिक्रमा प्रोजेक्ट नाम दिया गया जो ₹943 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। इसमें 7 मीटर का हरा बफर जोन और 10 मीटर का पैदल यात्री यात्री क्षेत्र है, जिसका उपयोग मंदिर की परिक्रमा के लिए किया जाएगा।

2019 में नवीन पटनायक ने किया था शिलान्यास
अधिकारियों ने कहा कि परियोजना के लगभग सभी मुख्य कार्य पूरे हो चुके हैं और शेष कार्य इस साल के अंत तक पूरे हो जाएंगे। गौरतलब है कि परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण नवंबर 2019 में शुरू हुआ, जिसमें मंदिर के आसपास रहने वाले 600 से अधिक लोगों ने प्रोजेक्ट के लिए 15.64 एकड़ जमीन दी। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नवंबर 2021 में परियोजना की आधारशिला रखी थी।

इन सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे श्रद्धालु
इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य 12वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर के चारों ओर के गलियारे को एक आधुनिक तीर्थस्थल बनाना है। इस कॉरिडोर के साथ अब एक बार में 6,000 भक्तों के लिए खड़े होने की जगह होगी। इसके अलावा उनके सामानों की स्क्रीनिंग सुविधा, लगभग 4,000 परिवारों के सामान रखने के लिए अलमारी, पीने का पानी सहित कई आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं। शौचालय सुविधाएं, हाथ/पैर धोने की सुविधाएं, आराम के लिए आश्रय मंडप, हाईटेक कार पार्किंग, पुलिस और फायर ब्रिगेड और इमरजेंसी परिस्थितियों के लिए गाड़ियों की सुविधा आदि शामिल हैं।

नेपाल के राजा होंगे मुख्य अतिथी
परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए मंदिर के मु्ख्य प्रशासक रंजन कुमार दास ने कहा कि हम ओडिशा में 857 मंदिरों को आमंत्रित कर रहे हैं। जबकि वैष्णो देवी, कामाख्या मंदिर और शिरडी साईं मंदिरों सहित 180 प्रमुख भारतीय मंदिरों को भी 15 जनवरी से शुरू होने वाले तीन दिवसीय उद्घाटन समारोह के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

हिंदू धर्म के अनुसार चार पवित्र धाम और चार अन्य छोटे धामों को भी आमंत्रित किया जाएगा। नेपाल के राजा को भी निमंत्रण भेज रहे हैं, जिन्हें जगन्नाथ मंदिर में विशेष अधिकार प्राप्त हैं। अन्य देशों के प्रमुख हिंदू मंदिरों को भी निमंत्रण भेजा जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान चौबीसों घंटे ढोल-नगाड़ों के बीच भजन-कीर्तन किया जाएगा।

ये लोग होंगे शामिल
सरकार ने एक अतिथि सूची तैयार की है जिसमें कई वीआईपी, कॉर्पोरेट दिग्गज और मशहूर हस्तियां शामिल हैं। दास ने कहा कि लोकार्पण यज्ञ (पवित्र अग्नि के समक्ष किया जाने वाला अनुष्ठान) 15 जनवरी को शुरू होगा जो 17 जनवरी को समाप्त होगा। मंदिर के चारों द्वारों पर वेदों का पाठ किया जाएगा।

पूर्वी द्वार के लिए ऋग्वेद, दक्षिणी के लिए यजुर्वेद, पश्चिमी के लिए सामवेद और उत्तरी के लिए अथर्ववेद को अंतिम रूप दिया गया है।” मुख्य मंदिर और मौसीमा मंदिर को जोड़ने वाली तीन किलोमीटर लंबे मार्ग के किनारे दीवारों पर कलाकृतियां अंकित की गई हैं, जिसमें देश की सभी प्रमुख इमारतों को दर्शाया गया है। तीन दिनी कार्यक्रम के दौरान शहर की वैक्यूम सफाई भी की जाएगी।

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