माही धरा पर थिरकने लगा है बहुआयामी विकास का फागुन

MAHI राजस्थान के सीमावर्ती जनजाति बहुल बांसवाड़ा के लिए इस बार की होली विकास के कई रंगों और रसों का संदेसा लेकर आयी है। माही मैया के स्नेह-रस से आप्लावित बांसवाड़ा की धरा विकास के इन इन्द्रधनुषी रंगों से साक्षात कराने लगी है, जिनकी वजह से यह पूरा आदिवासी अंचल आने वाले समय में देश और दुनिया में विकास के मानचित्र पर प्रमुखता से उभरकर सरकारी प्रयासों और विकास योजनाओं के अनथक क्रियान्वयन का कीर्तिगान करने लगेगा।
हरी-भरी वादियों के बीच विकास का अवगाहन करने वाले लोक जीवन में अब नई बहार का संगीत और प्रगति की गंध बिखरने लगी है। रंगों और रसों का दरिया बहाने वाले आदिवासी अंचलों में फागुन की मौज-मस्ती और पुरातन मनोहारी परम्पराओं का दिग्दर्शन इन दिनों हर किसी को भीतर तक आह्लादित करने लगा है।
होली के दिनों में यह उमंग और उल्लास अपने पूरे यौवन के साथ छलकता है। वहीं दूसरी ओर लोक-संस्कृति की गंध के साथ वागड़ की वादियों में अब बहुआयामी और बुनियादी विकास के कई-कई नए रंगों ने आम आदमी को सुकून का अहसास कराने के साथ ही आंचलिक तरक्की के नये आयामों को सुनहरा आकार दिया है।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार के अब तक के कार्यकाल में आदिवासियों के उत्थान और आदिवासी क्षेत्रों के समग्र विकास के जिन स्वप्नों को मूर्त्त रूप दिया जा रहा है वे क्षेत्रीय प्रगति की दिशा में ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित करने जा रहे हैं।
चौतरफा विकास की बुनियाद मजबूत होने के साथ आदिवासी क्षेत्रों में शासन-प्रशासन और आम आदमी के बीच रिश्तों के रंग शौख चटख और गहरे हुए हैं तथा परिवेश में इन्द्रधनुषी रंगों के मनोरम बिम्ब और अधिक मुखर होने लगे हैं।
फागुन की मौज-मस्ती के साथ तरक्की के सफर पर रफ्तार से बढ़ रहे लोक जीवन में ताजगी और निरंतर आगे से आगे बढ़ने की ऊर्जा व अदम्य आत्मविश्वास के जीवन-रस हिलोरें लेने लगे हैं। आदिवासी क्षेत्रों और जनजाति वर्ग की भलाई के मामले में जो कुछ हो रहा है, उसकी गंध अंचल में तैरने लगी है।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशलतम और सक्षम नेतृत्व तथा क्षेत्रीय विकास को समर्पित स्थानीय जन प्रतिनिधियों की आदिवासियों को विकास की प्रगतिशील मुख्य धारा में लाने की कोशिशें रंग लाती जा रही हैं। इस मायने में आशातीत उपलब्धियों का ग्राफ दिली सुकून व संतोष  का स्पष्ट मंजर दिखा रहा है।
बात व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं की हो या सामुदायिक उत्थान, या फिर शासन की योजनाओं, परियोजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की, हर क्षेत्र में विकास के रंगों ने संतोष व लोक मंगल के अनथक सफर का परिचय दिया है। विकसित भारत में विकसित राजस्थान की पूरी-पूरी सहभागिता सुनिश्चित करते हुए दीर्घकालीन और दूरदर्शी विकास की संकल्पनाओं तथा सुशासन के लक्ष्यों को नया सुनहरा आकार दिया जा रहा है।
जनजाति बहुल बांसवाड़ा जिले पर मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की ख़ास निगाह रही है। यही वजह है कि माही और मैया का यह धाम हर क्षेत्र में विकास कार्यों के साथ अनवरत तरक्की के सफर का साक्षी बन चला है।
वर्तमान राज्य सरकार ने हर बार विकास की नई घोषणा, नई सोच और कुछ नया करने का जज़्बा दिखाकर जन-मन को उल्लास के रंग-रसों से साक्षात कराया है। बजट घोषणाओं से लेकर जिले के विकास को नई गति प्रदान करने तक की दिशा में सार्थक प्रयासों को सम्बल मिला है।
आम आदमी के उत्थान और आदिवासी अंचल के समग्र विकास की ढेरों योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन का अच्छा परिणाम अब सामने आ रहा है। आधे आसमाँ को गौरवान्वित करने वाली कई योजनाएं बालिकाओं, किशोरियों और महिलाओं को लाभान्वित कर रही हैं। स्वयं सहायता समूहों लखपति दीदी के माध्यम से जिले की महिला शक्ति स्वावलम्बन और विकास की दिशा में तेजी से अग्रसर है।
खेत-खलिहानों में खुशहाली का संगीत सुनाने वाली माही परियोजना के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटन के चलते नवीन नहरी क्षेत्रों का सृजन, विस्तार और विकास के लिए सर्वे, वंचित क्षेत्रों में हाईलेवल केनाल और टेल तक पानी पहुंचाने के भरसक प्रयासों ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान और खेतों में हरियाली के रंग बिखेर दिए हैं। सिंचाई सुविधाओं के विस्तार की कई नई योजनाएं जिले में आकार ले रही हैं। जल जीवन मिशन के साथ ही गाँव-गाँव पेयजल की उपलब्धता के लिहाज से करोड़ों की योजनाएं चलायी जा रही हैं।  राज्य सरकार द्वारा राजस्थान कृषक समर्थ्न योजना के तहत रबी विपणन सीजन 2025-26 में अन्नदाताओं को दिया समबल, किसान रजिस्ट्री शिविरों का आयोजन, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण परिवारों का सर्वे कार्य प्रारंभ, सौर ऊर्जा में अपार संभवानाओं वाले राज्य के रुप में उभर कर सामने आयेगा वहीं राइजिंग राजस्थान के तहत निवेशकों को प्रोत्साहित करते हुए उद्योग के क्षेत्र में गति देने आदि कार्यो को कर जिले के विकास को नई गति प्रदान की जा रही है। पर्यटन विकास की दिशा में भी सरकार पीछे नहीं है।
वागड़ के आसमान में विकास के इन इन्द्रधनुषी रंगों और रसों की बौछार के बीच होली की मौज-मस्ती का जन-उछाह इन दिनों अपने चरम पर देखा जा सकता है।
– कल्पना डिण्डोर, उप निदेशक(सूचना एवं जनसम्पर्क), बाँसवाड़ा

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