समिट के दौरान अफ्रीकन यूनियन को G-20 के 21वें स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत भाषण के साथ जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत हुई। भारत जी20 के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। इसके बाद ब्राजील यह जिम्मेदारी संभालेगा। पीएम मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए देश का नाम लेते समय ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया।
प्रगति मैदान के भारत मंडपम में जी-20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगे रखी प्लेट पर भारत लिखा था। इन दिनों देश में चल रहे इंडिया बनाम भारत विवाद को इससे हवा मिली है और कयास लगाए जा रहे हैं कि इंडिया का नाम बदलकर भारत किया जा सकता है। वहीं, बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इसे लेकर सोशल मीडिया साइट X (ट्विटर) पर प्रतिक्रिया भी दी है। उन्होंने लिखा, “उम्मीद और विश्वास का नया नाम- भारत।”
G20 के कई आधिकारिक दस्तावेजों में ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल
दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहचान भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता के तौर पर पेश की गई है। सरकार ने जी20 के कई आधिकारिक दस्तावेजों में देश के लिए ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया है। सूत्रों के मुताबिक, यह एक सोच-समझकर लिया गया फैसला है। पीएम मोदी ने भारत मंडपम में जब शिखर सम्मेलन को संबोधित किया, उस समय उनके सामने रखी नाम प्लेट पर ‘भारत’ लिखा था। जी20 के प्रतिनिधियों और अन्य अतिथियों को भी ‘प्रेजीडेंट ऑफ भारत’ के नाम से रात्रिभोज का निमंत्रण भेजा गया है।
विपक्ष ने साधा बीजेपी पर निशाना
इस कदम ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों का दावा है कि सरकार विपक्ष के ‘INDIA’ (इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस) नाम से गठबंधन बनाने के चलते देश के नाम से इंडिया शब्द हटाना चाहती है। हालांकि, भाजपा ने भारत शब्द की सांस्कृतिक जड़ों का हवाला देते हुए इस हिंदी नाम के इस्तेमाल को सही ठहराया है। कुछ नेताओं ने कहा कि अंग्रेजी नाम ‘इंडिया’ औपनिवेशिक विरासत का प्रतीक है। हालांकि, भाजपा ‘भारत बनाम इंडिया’ की बहस में पड़ने से काफी हद तक परहेज कर रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि संविधान में देश के लिए दोनों नाम का इस्तेमाल किया गया है।
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने इस मुद्दे पर कहा कि देश अब इस सरकार की नीतियों से तंग आ चुका है। लोग नाराज हैं और INDIA गठबंधन को अब एक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। यही कारण है कि नाम परिवर्तन और एक राष्ट्र, एक चुनाव जैसे सिद्धांत सामने आ रहे हैं। वे जानते हैं कि एनडीए 2024 में सरकार नहीं बना पाएगा।