फर्जी आयुक्त बन नकली वैक्सीनेशन कैंप लगाया, सांसद को भी नकली वेक्सीन का टीका ठोंका!

फर्जी आयुक्त बन नकली वैक्सीनेशन कैंप लगाया, सांसद को भी नकली वेक्सीन का टीका ठोंका!

कोलकाता । पूरे देश मे वेक्सीनेशन युद्धस्तर पर किया जा रहा है लेकिन इस बीच देश मे वेक्सीनेशन को लेकर नित नई भ्रामक खबरें रोजना सामने आ रही है जंहा वेक्सीन की आड़ में कुछ लोग अपना सिट्टा सेकने में लगे हुए है । ऐसा ही एक मामला कोलकाता से सामने आया है जिसमे पुलिस ने एक 28 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान होसेनपुर के देबंजन देब के रूप में हुई है। देबंजन ने न सिर्फ नकली वैक्सीनेशन कैंप का आयोजन किया बल्कि इसके लिये वह कोलकाता नगर निगम के संयुक्त आयुक्त का फर्जी आईडी भी बनवा लिया। अपने आपको आईएएस और कोलकाता नगर निगम का संयुक्त आयुक्त बताकर सबसे मिला। पुलिस ने जांच के लिये वैक्सीन के नमूने भेजे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि शिविर में लोगों को असली या नकली टीके दिये गये।
डीसी (दक्षिण उपनगरीय डिवीजन) राशिद मुनीर खान ने कहा- आरोपी ने दावा किया है कि उसने स्वस्थ भवन और बागड़ी बाजार के बाहर से टीके खरीदे थे। हम यह जांचने के लिये नमूने भेज रहे हैं कि वे असली टीके थे या नहीं।टीएमसी सांसद मिमी चक्रवर्ती ने बताया- मुझे एक निमंत्रण मिला कि कोलकाता नगर निगम के संयुक्त आयुक्त द्वारा ट्रांसजेंडर और निशक्त लोगों के लिये एक टीकाकरण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। आयोजक ने मुझसे इसका हिस्सा बनने का अनुरोध किया ताकि यह दूसरों को वैक्सीन लेने के लिये प्रोत्साहित करे। मैं वहां गई और दूसरों को प्रोत्साहित करने के लिये मैंने भी टीका लिया। लेकिन वैक्सीन लेने के बाद, मुझे अपने टीकाकरण की स्थिति के बारे में कोई संदेश नहीं मिला। जब मैंने उनसे टीकाकरण प्रमाण पत्र के बारे में पूछा, तो मुझे बताया गया कि तीन से चार दिनों में प्राप्त हो जायेगा। फिर, मुझे संदेह हुआ और मैंने वहां टीकाकरण कार्यक्रम को रुकवाया।
पुलिस ने बताया- यूको बैंक भवन में लगाये जा रहे टीकाकरण शिविर के बारे में पता चला। चूंकि स्थानीय पुलिस स्टेशन को इलाके में ऐसे किसी भी शिविर के बारे में सूचित नहीं किया गया था, एक पुलिस दल वहां पहुंचा और पाया कि बड़ी संख्या में लोग “मौके पर टीकाकरण” के लिये एकत्र हुये थे। किसी को भी उनके सेलफोन पर वैक्सीन प्रमाण पत्र पर कोई पुष्टिकरण संदेश नहीं मिला था। इसकी वजह से कई लोगों को गड़बड़ी का संदेह हुआ। शिविर के प्रभारी व्यक्ति से मौके पर पूछताछ की गई और पुलिस यह जानकर दंग रह गई कि प्रभारी फर्जी ढंग से कोलकाता नगर निगम के संयुक्त आयुक्त बना हुआ है। उसने अपने एनजीओ के विज्ञापन और पीआर गतिविधियों के लिये मुफ्त टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन किया था। वह एक आईएएस अधिकारी और कोलकाता नगर निगम के झूठे फर्जी दस्तावेजों, मुहरों और टिकटों का इस्तेमाल कर रहा था।
पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और उसकी कार को नीली बत्ती से सज्जित और पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगो और स्टिकर के साथ एक झंडा जब्त कर लिया। डीसी ने कहा- केएमसी के संयुक्त आयुक्त का एक नकली आई-कार्ड, विजिटिंग कार्ड, स्वस्त भवन से कोविद वैक्सीन एकत्र करने की आवश्यकता सहित कुछ दस्तावेज भी बरामद किये गये।
देब के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के तहत आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

Date:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

विधान सभा अध्‍यक्ष श्री देवनानी और मुख्‍यमंत्री श्री शर्मा की मुलाकात

श्री देवनानी ने मुख्‍यमंत्री को भारत विभाजन का दंश...

प्रदेश में डीएपी, एसएसपी व एनपीके बुवाई के लिए पर्याप्तः कृषि विभाग

राज्य सरकार डीएपी आपूर्ति बढाने के लिए निरन्तर प्रयासरत जयपुर।...

आईएचआईटीसी में ज्यादा से ज्यादा कृषकों को दिया जाये प्रशिक्षण: श्री राजन विशाल

जयपुर। शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी श्री राजन विशाल...

यूईएम जयपुर ने “अंतर्राष्ट्रीय उद्योग संस्थान मीट (आईआईआईएम) – सिनर्जी समिट 2024” की मेजबानी की

यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट (यूईएम), जयपुर ने संयुक्त...