गणतंत्र दिवस परेड: भारत ने फ्रांस के राष्‍ट्रपति को भेजा न्‍योता, बाइडन को कड़ा संदेश है मैक्रों को न्‍योता?

पेर‍िस: अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन के गणतंत्र दिवस परेड में नहीं आने की पुष्टि के बाद अब भारत ने फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुअल मैक्रां को नई दिल्‍ली की यात्रा के लिए आमंत्रित किया है। फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति अगर यह न्‍योता स्‍वीकार कर लेते हैं तो इसका आधिकारिक ऐलान भारत की ओर से किया जाएगा। फ्रांस के राष्‍ट्रपति को यह निमंत्रण ऐसे समय पर दिया गया है जब अमेरिका और भारत के बीच रिश्‍तों में खालिस्‍तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्‍नू को लेकर थोड़ी खटास चल रही है। ऐसा छठवीं बार है जब फ्रांस के नेता नई दिल्‍ली में होने वाली शानदार परेड में चीफ गेस्‍ट होंगे। मैक्रों ऐसे समय पर भारत आ रहे हैं जब दोनों देशों के बीच राफेल से लेकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोस्‍ती बहुत मजबूत हो गई है और इसी वजह से फ्रांस को भारत के लिए ‘नया रूस’ तक कहा जाने लगा है।

फ्रांस एकमात्र राष्‍ट्र है जिसके नेता को इतनी बार गणतंत्र दिवस परेड का मुख्‍य अतिथि बनाया गया है। भारत और फ्रांस के बीच पिछले कुछ वर्षों में रिश्‍ते बहुत मजबूत हुए हैं। इससे पहले योजना बनी थी कि अमेरिका समेत क्‍वॉड देश भारत के गणतंत्र दिवस परेड में मुख्‍य अतिथि बनेंगे। इस परेड के ऐन मौके पर क्‍वॉड देशों खासकर अमेरिका के ‘सिड्यूल नहीं बनने’ के नाम पर झटका देने के बाद अब दोस्‍त फ्रांस के राष्‍ट्रपति को आमंत्रित किया गया है। माना जा रहा है कि बाइडन ने भारत आने की बजाय इस साल होने वाले राष्‍ट्रपति चुनाव को लेकर तैयारी करने को प्राथमिकता दी।

भारत के दूसरा रूस बना फ्रांस!

इसी वजह से बाइडन का यह भारत दौरा नहीं हो पाया। इसी वजह से क्‍वॉड देशों की बैठक को भी टाल देना पड़ा है। वह भी तब जब क्‍वॉड के धुर विरोधी चीन ने दक्षिण चीन सागर से लेकर हिमालय तक में अपनी सैन्‍य तैयारी को बढ़ा दिया है। भारत और फ्रांस के दोस्‍ती की बात करें तो यह लगातार परवान चढ़ रही है। पीएम मोदी इसी साल फ्रांस के राष्‍ट्रीय दिवस पर मुख्‍य अतिथि थे। साल 2016 में फ्रांस के राष्‍ट्रपति फ्रैंकोइस होलैंड गणतंत्र दिवस पर मुख्‍य अतिथि थे। माना जा रहा है कि गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राफेल‍ फाइटर जेट उड़ान भर सकते हैं जिसे भारत ने फ्रांस से खरीदा है।

अब फ्रांस भारत को नौसेना के लिए 26 राफेल एम फाइटर जेट देना चाहता है जो ताकत में बेजोड़ हैं। पहली बार साल 1976 में फ्रांस के तत्‍कालीन प्रधानमंत्री जॉक शिराक पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्‍य अतिथि बने थे। गणतंत्र दिवस परेड भारत के लिए बेहद अहम है और इस दौरान कूटनीतिक तथा सैन्‍य ताकत का खुलकर प्रदर्शन किया जाता है। इसी वजह से दुनिया की भारत के गणतंत्र दिवस परेड पर नजर रहती है। इसके अलावा फ्रांस ने भारत को 6 की संख्‍या में स्‍कॉर्पिन पनडुब्‍बी दी है तथा 3 और के खरीदने की बात चल रही है। ये किलर पनडुब्बियां चीन और पाकिस्‍तान की नौसेना से निपटने के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण हैं।

भारत के साथ हर जगह खड़ा है फ्रांस

फ्रांस ऐसा एकमात्र देश था जिसने भारत के दूसरी बार परमाणु परीक्षण करने पर प्रत‍िबंध नहीं लगाया था। भारत और फ्रांस के बीच वैश्विक मंचों पर करीबी जुगलबंदी देखी गई है। फ्रांस संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद का स्‍थायी सदस्‍य है और इस वैश्विक संस्‍था में पूरा समर्थन करता है। फ्रांस ने वादा किया है कि वह भारत के दुश्‍मन पाकिस्‍तान को हथियार नहीं बेचेगा। साल 2019 में पीएम मोदी के दोबारा सत्‍ता में आने के बाद दोनों देशों के बीच यह संबंध और मजबूत होता जा रहा है। इमैनुअल मैक्रां ने कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को हटाने पर अन्‍य देशों के विपरीत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। यही नहीं संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में कश्‍मीर को लेकर पाकिस्‍तान और चीन की बुलाई बैठक में भारत का समर्थन किया था। फ्रांस ने मसूद अजहर को लेकर आए प्रस्‍ताव पर भारत का समर्थन किया था। इन्‍हीं वजहों से अब फ्रांस के बारे में कहा जा रहा है कि वह भारत के लिए ‘नया रूस’ बन गया है। अब तक रूस ही दशकों से भारत का समर्थन करता रहा है।

Date:

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related