पाकिस्तान पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना आजादी का जश्न मनाता है। इसके पीछे इतिहास, राजनीति और धार्मिक मान्यताओं से जुड़े कई कारण हैं। चलिए आपको इसी के बारे में बताते हैं।

Pakistan Independence Day: पाकिस्तान में हर साल 14 अगस्त को बड़े धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह दिन पाकिस्तान के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है। पाकिस्तान मानता है कि 14 अगस्त 1947 को उसे आजादी मिली थी और एक स्वतंत्र इस्लामिक राष्ट्र के रूप में उसका जन्म हुआ था। लेकिन, ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को क्यों मनाया जाता है, जबकि भारत 15 अगस्त को मनाता है? इस सवाल का जवाब हमें भारत-पाकिस्तान विभाजन, ब्रिटिश शासन के अंत और उस दौर की ऐतिहासिक परिस्थितियों में मिलता है।
अलग देश बनाने की उठी थी मांग
ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच राजनीतिक मतभेद और सांस्कृतिक पहचान के मुद्दे गहरे हो रहे थे। मुस्लिम लीग के नेता मोहम्मद अली जिन्ना ने इसी का फायदा उठाते हुए ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ (Two-Nation Theory) का समर्थन करते हुए एक अलग मुस्लिम बहुल राष्ट्र की मांग कर दी। 1940 के लाहौर प्रस्ताव में यह मांग औपचारिक रूप से रखी गई कि भारत में मुस्लिम बहुल प्रांतों को मिलाकर एक नया देश बनाया जाए।
भारत और पाकिस्तान का विभाजन
1947 में भारत का विभाजन हुआ और ब्रिटिश संसद ने इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 पास किया, जिसके तहत भारत और पाकिस्तान नाम के दो स्वतंत्र देश अस्तित्व में आए। पाकिस्तान को मुस्लिम बहुल इलाकों (पश्चिमी पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान, उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत और पूर्वी बंगाल) को मिलाकर बनाया गया। भारत को हिंदू बहुल क्षेत्रों के साथ-साथ बहुधार्मिक स्वरूप में स्वतंत्रता मिली।
14 अगस्त को पाकिस्तान क्यों मनाता है स्वतंत्रता दिवस?
भारत और पाकिस्तान के बीच 1947 में समय का लगभग 30 मिनट का अंतर था, यह आज भी है। ब्रिटिश सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया 15 अगस्त की मध्यरात्रि से शुरू होनी थी, लेकिन समय के अंतर की वजह से पाकिस्तान में यह समारोह 14 अगस्त की रात को हुआ। इस वजह से पाकिस्तान ने अपनी आजादी की तारीख 14 अगस्त मानी।
कब हुआ औपचारिक सत्ता का हस्तांतरण?
कराची में गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन और पाकिस्तान के नेताओं के बीच सत्ता हस्तांतरण का मुख्य कार्यक्रम 14 अगस्त 1947 को हुआ था। भारत का मुख्य समारोह 15 अगस्त को दिल्ली में हुआ। इसी वजह से पाकिस्तान का औपचारिक गठन एक दिन पहले यानी 14 अगस्त 1947 को मान लिया गया। 14 अगस्त 1947 को ही पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल मोहम्मद अली जिन्ना और प्रधानमंत्री लियाकत अली खान ने कराची में ध्वजारोहण किया था।
इस्लामी कैलेंडर से मेल
कुछ इतिहासकार मानते हैं कि 14 अगस्त 1947 का दिन इस्लामी कैलेंडर के रमजान के 27वें रोजे (लैलतुल-कद्र) से मेल खाता था, जिसे इस्लाम में बहुत पवित्र दिन माना जाता है। इसलिए इसे पाकिस्तान के लिए शुभ और ऐतिहासिक तारीख के रूप में चुना गया।
पाकिस्तान में कैसे मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस समारोह
आज भी पाकिस्तान में 14 अगस्त को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। सरकारी भवनों और सड़कों को हरे-सफेद रंग से सजाया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों और दफ्तरों में देशभक्ति कार्यक्रम होते हैं। राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है और देशभक्ति गीत गाए जाते हैं। कराची, लाहौर और इस्लामाबाद में परेड और आतिशबाजी के कार्यक्रम होते हैं।
पाकिस्तान के लिए अहम है 14 अगस्त का दिन
अब ऐसे में अगर ध्यान दें तो पता चलता है कि, पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को मनाने के पीछे समय क्षेत्र का अंतर, सत्ता हस्तांतरण की औपचारिकता और धार्मिक महत्व जैसे कई कारण जुड़े हुए हैं। यह दिन पाकिस्तान के इतिहास में दर्ज है क्योंकि इसी दिन से दुनिया के पलट में इस देश का उभार हुआ था।