आईएएस बने बाड़मेर के सुखराम भूकर की असली कहानी

डालू जाखड़ रावतसर। हाल में जारी हुए यूपीएससी परीक्षा परिणाम में बाड़मेर जिले के भीयाड निवासी सुखराम भूकर का 448वी रैंक के साथ चयन हुआ है, लेकिन सुखराम के चयन के पीछे उनके परिवारजनो ने संघर्ष और मेहनत की। इसी की बदौलत ही सुखराम का आइए बनने का सपना साकार हुआ। सुखराम की प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती विद्या मंदिर भीयाड में ही हुई परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी,पापा उगराराम किसान है।
पापा ने की खेती,भाई ने खोली होटल
दरअसल सुखराम के माता-पिता ने खेती किसानी और बड़े भाई ओमप्रकाश ने गांव में ही चाय की होटल खोलकर दिन-रात मेंहनत कर मजदूरी की वहीं एक भाई बजरंग ने अफ्रीका के कांगो में मजदूरी की ताकि सुखराम को वित्तिय मामले में कोई दिक्कत नहीं हो और पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाया और मन में एक सपना था कि भाई को पढ़ाई के मामले में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इसी का परिणाम है कि आज भाई ने आईएएस बनकर सपना पूरा किया।
सोशल मीडिया से दूर रहें युवा-भूकर
नवचयनित आईएएस सुखराम भूकर ने बताया कि लक्ष्य कोई भी हो उसके प्रति समर्पण हो तो इसे देर सवेर हासिल किया जा सकता है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे सोशल मीडिया से दूर रहें और गांव के लोगों और आमजन से अपील की कि अपने बच्चों का बाल विवाह न करके उन्हें पढ़ने का मौका दे।
घर पर स्नेह मिलन समारोह आयोजित
आईएएस सुखराम भूकर के घर पर रविवार को स्नेह मिलन समारोह आयोजित किया गया जिसमें जिलेभर एवं आसपास के जिलों से हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
स्वागत हुआ
आईएएस सुखराम भूकर का शनिवार को सरस्वती विद्या मंदिर भीयाड स्कूल प्रबंधन द्वारा स्वागत समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर आईएएस मोहनलाल जाखड़,उघमी जोगेन्द्रसिह चौहान,दिलिपसिंह महेचा, भामाशाह नवलकिशोर गोदारा, शिक्षाविद् निम्बाराम जांगिड़,हरुराम डेलू, कर्नल धन्नाराम सियाग, पूनमाराम गोदारा, उगराराम भूकर सहित ग्रामीण और विधार्थी मौजूद रहे।