
जयपुर। राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) द्वारा जयपुर के सांगानेर ब्लॉक में महिला सशक्तिकरण और आजीविका संवर्धन पर केंद्रित एक विशेष संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजीविका की स्टेट मिशन डायरेक्टर सुश्री नेहा गिरि ने की। इस अवसर पर परियोजना निदेशक सुश्री प्रीति सिंह, सांगानेर बीडीओ सुश्री ज्योति प्रजापति, स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर (MIS) श्री आनंद प्रकाश शर्मा, जिला परियोजना प्रबंधक, राजीविका, जयपुर, सुश्री अनुपमा सक्सेना तथा ठीकरीया की सरपंच सुश्री मंजू चौधरी उपस्थित रहीं। इस कार्यक्रम में जयपुर के संभागीय आयुक्त सुश्री पूनम एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद जयपुर सुश्री प्रतिभा वर्मा ने महिलाओं द्वारा लगायी गयी स्टाल्स का अवलोकन किया।
मुख्य विचार-विमर्श एवं प्रस्तुतियाँ:
जिला परियोजना प्रबंधक, जयपुर द्वारा ‘राज रसोई’, ‘नमो ड्रोन दीदी’, ‘सोलर दीदी’, ‘लखपति दीदी’ और विकास सीएलएफ में संचालित सेनेटरी पैड यूनिट जैसी प्रमुख पहलों का विवरण प्रस्तुत किया गया। बगरू प्रिंट, गौ कीर्ति के सहयोग से गोबर उत्पाद, लकड़ी पर शिल्पकारी, अक्षरधाम मंदिर के फूलों से अगरबत्ती निर्माण के माध्यम से थोक क्रय-विक्रय को सुदृढ़ करने पर चर्चा हुई। मिड-डे मील, अस्पताल कैंटीन, आंगनवाड़ी और छात्रावासों में उत्पादों की सीधी आपूर्ति जैसे बाजार-संबंधी उपायों पर भी विशेष रूप से विचार-विमर्श हुआ। जयपुर जिले में 2338 लखपति दीदियों की उपलब्धि को कार्यक्रम में रेखांकित किया गया।
मेले में उपस्थित महिलाओं—जिनमें ब्लू पॉटरी, बगरू प्रिंट, लकड़ी की पेंटिंग, गोबर मिश्रित पेपर कार्य, सेनेटरी नैपकिन यूनिट संचालन, तथा बीसी सखी मॉडल से जुड़ी महिला उद्यमी शामिल थीं। इन्होंने बताया कि अब वे स्वतंत्र रूप से उद्यम संचालित कर रही हैं और उनकी वार्षिक व मासिक आय में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ लखपति दीदियों के रूप में उभर रही हैं, जिससे उनके परिवारों और समुदायों में सकारात्मक सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन आया है।
अपने प्रेरणादायी संबोधन में सुश्री नेहा गिरी ने कहा, “महिलाएं ही राजीविका का वास्तविक स्वरूप हैं। अब हमें ऐसी कंपनियों की कल्पना करनी चाहिए जिनमें निदेशक और शेयरधारक स्वयं महिलाएं हों।” उन्होंने डिजिटल साक्षरता, इंटरनेट उपयोग, बीमा कवरेज और वित्तीय प्रबंधन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि सामाजिक स्तर पर सराहनीय परिवर्तन दिखाई दे रहे है, जहाँ महिलाएं बाहर कार्यरत हों तो उनके पति घर-परिवार की जिम्मेदारियों को साझा कर रहे हैं, जो सशक्तिकरण और समानता की दिशा में सकारात्मक बदलाव है।
कार्यक्रम के अंत में स्टेट मिशन डायरेक्टर एवं टीम द्वारा सेनेटरी नैपकिन यूनिट तथा सीएलएफ परिसर का अवलोकन किया गया।
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