सीताराम मंदिर मे सादगी से रामलला की पूजा अर्चना ,नरेशपुरी महाराज ने देश एंव प्रदेश के लिए श्री रामचंद्रजी भगवान से कारोना से रक्षा के लिए की प्रार्थना की
मेहंदीपुर बालाजी @ jagruk janta। कोरोना वायरस के संक्रमण की दुसरी लहर से सतर्कता के चलते रामनवमी पर मेंहदीपुर बालाजी मंदिर सहीत सीताराम मंदिर के कपाटों बंद रहे। 30 अप्रैल तक बालाजी मंदिर सहीत सीताराम मंदिर मे श्रद्धालुओं के दर्शनों पर रोक है। पूर्वी राजस्थान के सबसे बड़े धार्मिक स्थल मेहंदीपुर बालाजी में मंदिर इतिहास में दुसरी बार सूने बंद कपाटो में प्राचीन सीताराम मंदिर मे श्री रामचंद्र जी का जन्म उत्सव मनाया गया । इस दौरान मंदिरों में एक दो पुजारियों व सीताराम मंदिर से नरेशपुरी महाराज ने सर्वप्रथम मंदिर मे रामलला का पंचामृत स्नान कराकर नवीन वस्त्र धारण कराए।
गर्भगृह की मनमोहक साज-सज्जा की गई। करीब 12:15 बजे रामलला के जन्मोत्सव के साथ ही मंदिर के घंटे-घडियाल व मंदिर परिसर मे जय श्रीराम व भए प्रकट कृपाला के साथ सादगी से जन्मोत्सव मनाया और नरेशपुरी महाराज ने महाआरती के साथ रामलला की विशेष पूजा-अर्चना की तथा भगवान के चूरमा व पंचामृत की प्रसादी के साथ छप्पन भोग लगाया। सीताराम मंदिर मे किसी भी व्यक्ति को मंदिर के अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी। नरेशपुरी महाराज ने देश एंव प्रदेश के लिए भगवान श्री रामचंद्रजी से कोरोना की बीमारी के नाश की प्रार्थना की। मां भगवती के अनुष्ठान के पर्व वासंतिक नवरात्र और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पावन जन्मदिन रामनवमी पर नरेशपुरी महाराज ने देश व प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कोराना वायरस के संक्रमण को देखते हुए आप और हम लोग घरों में रहकर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा नियमों के आदेशों की पालना करें। घर पर रहे सुरक्षित रहें और 2 गज की दूरी व मास्क लगाने के नियमो का पालन करें । जिससे कोरोना के वायरस की दुसरी लहर को देश मे फैलने से रोको जा सके।गौरतलब है कि मेहंदीपुर बालाजी सीताराम मंदिर में हर वर्ष धूमधाम से रामनवमी मनाई जाती थी ।
मेहंदीपुर बालाजी में रामनवमी पर अयोध्या नगरी जैसा भव्य रूप दिया जाता है विशेष झांकियां सजाई जाती थी जिन्हें देखने देश के कोने-कोने से हजारों श्रद्धालु बालाजी धाम आते थे। मेहंदीपुर बालाजी कोरोना वायरस की दुसरी लहर के संक्रमण की सतर्कता के चलते यहां होने वाले सारे कार्यक्रम पहले ही रद्द कर दिए गए थे जिससे यहां बालाजी धाम मे सन्नाटा पसरा हुआ है और सीताराम मंदिर में सभी सतर्कता बरतते हुए सादगी से बंद कपाट में भगवान रामचंद्र जी का जन्म उत्सव मनाया गया।
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