मेहता साहब, यंहा कर्फ्यू के दौरान गर्मा गर्म कचौड़ी, फास्टफूड, पान वगैराह सब मिलता है, बस चले आइये सीधा,देखे वीडियो


-नारायण उपाध्याय
बीकानेर@जागरूक जनता । बीकानेर में अप्रेल माह के दूसरे सप्ताह से कोरोना मीटर में बेहताशा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है जंहा इसके आंकड़े प्रतिदिन 100 से ऊपर जा रहे है । बढ़ते कोरोना मामलों को लेकर जिला कलेक्टर नमित मेहता ने रविवार 11 अप्रेल से रात्रिकालीन 9 बजे से सुबह 5 बजे तक नगरीय सीमा में कर्फ्यू के आदेश दे रखे है । लेकिन इस कर्फ्यू के दौरान अगर आपको गर्मा गर्म कचौड़ी, पानीपुड़ी और पान खाने का मन करें तो अब चिंता की बात नही है । बस आपको सीधा शहर के परकोटे की और रुख करना है जंहा आपको मिठाई, पान, गर्मागर्म कचौड़ी, पेय पदार्थ यंहा तक कि फास्टफूड तक सब कुछ मिलेगा । मजे की बात है एक और जंहा शहर का हर एक हिस्सा (परकोटे को छोड़कर) सन्नाटे से पसरा हुआ है वंही दूसरी और शहर के परकोटे में रात आठ बजे के बाद चकाचौंध कुछ और ही है । जागरूक जनता की टीम रात आठ बजे के बाद शहर में लागू कर्फ्यू के जमीनी हालात जानने के लिए शहर की सड़कों पर निकली । इस दौरान जस्सूसर गेट, विश्वकर्मा गेट, फड़ बाजार, कोटगेट, केईएम रोड़ पर कर्फ्यू के आदेश की पालना बेहतर तरीके से होते हुए नजर आई इसके बाद जागरूक जनता की टीम शहर के परकोटे में पहुंची तो वंहा का दृश्य देखकर हैरान रह गई । नत्थूसर गेट के अंदर से लेकर लगभग मोहता चौक से ठीक पहले तक कि सभी दुकानें खुली थी । जबकि इस समय घड़ी में रात के 09:35 बज रहे थे । यंहा की चहल पहल को देखकर एक पल के लिए भी नही लग रहा कि यंहा पर कर्फ्यू लागू है । नत्थूसर गेट के अंदर से मोहता चौक जाने वाली सीधी रोड़ पर सारी दुकानें खुली थी, एक जगह गर्मा गर्म कचौड़ी बनाई जा रही थी, तो पान की दुकान, फास्ट फूड से लेकर तमाम चीजे खुले आम धड़ल्ले से बेची जा रही थी । लोगो की आवाजाही भी आमदिनों के जैसे ही नजर आई । वंही एक युवा ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि “अठे तो कल्लो जी रो राज चाले, कोरोना मा लोगों रा कांई बिगाड़ लेसी” । बहरहाल जागरूक जनता की टीम आगे बढ़ी तो कई जगह लोग बिना मास्क के पाटों पर, तो कंही दुकानों के आगे बैठे दिखाई दिए । ऐसे में शहर के परकोटे के भीतर की राजनीति क्या है कि कोरोना से इस इलाके के लोग घबराते नही है? क्या कर्फ्यू के नियम सिर्फ परकोटे के बाहरी लोगों के लिए लागू होते है ? क्या यह क्षेत्र बीकानेर की नगरीय सीमा में नही है ? यह तमाम सवाल बीकानेर प्रशासन के कुशल प्रबंधन पर तमाचा है । सरेआम जिला मजिस्ट्रेट के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है । तमाचा भी इसलिए है कि ऐसी लापरवाहियों की वजह से ही सुपर स्प्रेडर बनने का बड़ा खतरा रहता है । जिला कलेक्टर नमित मेहता लगातार मेहनत कर रहे हैं कि शहर को कोरोना से निजात दिलाये इसके लिए मेहता खुद पीपीई किट तक पहन कर कोविड सेंटर के अंदर तक जा चुके हैं साथ ही कोविड समीक्षा बैठकें कर प्रतिदिन की रिपोर्ट रिव्यू कर रहे हैं । वंही अभी दो तीन दिन से लगातार सिटी राउंड पर जा रहे हैं । ऐसे में कलेक्टर मेहता से अपील है कि वे एक बार बिना काफिले के मोटरसाइकिल पर रात 8 बजे के बाद परकोटे के अंदर वंहा के हालात देखे और संज्ञान ले ताकि बीकानेर शहर को कोरोना माहमारी से महफूज रखा जा सके ।


Jagruk Janta

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