जयपुर@जागरूक जनता। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय किए गए।
कैबिनेट ने राज्य में कृषि विपणन तंत्र को मजबूत कर किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बोर्ड के गठन को मंजूरी दी है। यह बोर्ड किसानों की आय बढ़ाने के लिए ठोस नीति बनाने एवं इसके प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में सुझाव देगा। साथ ही प्रदेश के अधिकाधिक किसानों को एग्रो-प्रोसेसिंग एवं मूल्य संवर्धन से जोड़ने के लिए रूपरेखा तैयार करेगा। उल्लेखनीय है कि राज्य में कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण, व्यवसाय एवं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात नीति-2019 लागू की थी। इस नीति के पश्चात राज्य में उत्पादित कृषि जिन्सों जैसे- जीरा, धनिया, लहसुन, ईसबगोल, अनार, खजूर, प्याज आदि के निर्यात को बढ़ावा देने तथा इनकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान सुनिश्चित करने की दिशा में इस बोर्ड का गठन राज्य सरकार का एक और बड़ा कदम होगा।
मंत्रिमण्डल ने पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के संग्रहाध्यक्ष (क्यूरेटर) के पद की शैक्षणिक योग्यता में संशोधन का निर्णय किया है। इस निर्णय से इतिहास के विद्यार्थियों के साथ-साथ म्यूजियोलॉजी के अभ्यर्थियों को भी इस पद की प्रतियोगी परीक्षा में बैठने का अवसर मिलेगा। इससे संग्रहालयों के प्रबंधन के कार्य को नवीन तकनीक और वैज्ञानिक पद्धति से संपादित किया जा सकेगा।
कैबिनेट ने भू-जल विभाग में कनिष्ठ भू-भौतिकविद् के पद 75 प्रतिशत सीधी भर्ती एवं 25 प्रतिशत पदोन्नति से भरने के स्थान पर 50 प्रतिशत सीधी भर्ती एवं 50 प्रतिशत पदोन्नति से भरने के लिए राजस्थान भू-जल सेवा नियम-1969 में संशोधन को मंजूरी दी है। साथ ही, पदोन्नति के लिए न्यूनतम अनुभव दो वर्ष के स्थान पर पांच वर्ष करने की भी स्वीकृति दी है। इससे विभाग में पदोन्नति के समान अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
सहकारिता विभाग के संविदा फार्मासिस्टों को भर्ती में मिलेगा बोनस अंकों का लाभ
साथ ही मंत्रिमण्डल ने राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधीनस्थ सेवा नियम-1965 (यथा संशोधित) के नियम 19 में संशोधन को स्वीकृति दी है। इससे सहकारिता विभाग में संविदा पर कार्यरत फार्मासिस्टों को भर्ती में बोनस अंकों का लाभ मिल सकेगा।
मंत्रिमण्डल ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी भागीदारी को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से व्यास विद्यापीठ विश्वविद्यालय, जोधपुर विधेयक-2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया है। कैबिनेट के अनुमोदन के बाद अब यह विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा और विधेयक के पारित होने से इस विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।