देश के युवाओं में क्रिप्टोकरेंसी के प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है और वे जमकर ऐप्स के जरिए खरीद-फरोख्त कर रहे हैं।
नई दिल्ली। इन दिनों पूरे विश्व में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता और मान्यता बढ़ती जा रही है वहीं दूसरी ओर इससे जुड़े नए-नए विवाद भी सामने आ रहे हैं। हाल ही में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथेरियम के सह संस्थापक एंथनी डी. आयोरियो ने क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री से अलग होने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वह अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय ले रहे हैं।
वर्ष 2018 में एक अरब डॉलर के मालिक थे आयोरियो
आपको यह बता दें कि उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी से अच्छी-खासी दौलत कमाई है। वर्ष 2018 में आयोरियो उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने 2.2 करोड़ डॉलर में टोरंटो में एक अपार्टमेंट खरीदा था। माना जाता है कि फरवरी 2018 में उनकी नेटवर्थ लगभग एक अरब डॉलर थी। हालांकि आयोरियो ने अपनी नेटवर्थ का खुलासा करने से मना कर दिया था। उनसे पूर्व क्रिप्टोकरेंसी डॉजकॉइन के सह संस्थापक जैक्सन पामर भी क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री से अलग होने की घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने भी इस इंडस्ट्री की कड़ी आलोचना की थी।
भारत में भी आएगी क्रिप्टोकरेंसी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अभी तक देश में किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी है। परन्तु देश के युवाओं में इस इंडस्ट्री के प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है और वे जमकर ऐप्स के जरिए खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। आरबीआई की नाराजगी के बावजूद क्रिप्टो बैंक कैशा ने भी देश में बैकिंग ऑपरेशंस शुरू करने की घोषणा की है। रिजर्व बैंक के रूल्स को बाईपास करने के लिए यह बैंक क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी के जरिए देश में कदम रखेगा। कैशा ने क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग के लिए ब्रांच यूनिकैश लॉन्च की है।
कैशा के अधिकारियों के अनुसार उनकी फर्म एक कॉपरेटिव सोसायटी है तथा रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटीज के तहत रजिस्टर्ड है। इसमें केवल मेंबर्स को ही सर्विसेज दी जाएगी। इसी कारण कैशा के प्रमोटर्स को रिजर्व बैंक की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा कैशा क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने के लिए अपने कस्टमर्स को लोने देने तथा उनके लिए अकाउंट खोलने की योजना पर भी काम कर रही है।