
जयपुर। उप मुख्यमंत्री एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री दिया कुमारी ने गुरूवार को विधानसभा में कहा कि विधानसभा क्षेत्र मांडलगढ़ में कुल 24 आंगनबाड़ी केन्द्र ऐसे हैं, जो किराए के भवनों में संचालित हैं। इनमें से 4 केन्द्रों के लिए भूमि आवंटन किया जा चुका है तथा भवन निर्माण के लिए प्रक्रिया चालू है। शेष 20 केन्द्रों के लिए भूमि आवंटन के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भूमि आवंटन के पश्चात बजट उपलब्धता एवं प्राथमिकता के आधार पर भवन निर्माण की कार्रवाई की जाएगी।
उप मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के नवीन भवनों का निर्माण नरेगा योजना के अन्तर्गत कन्वर्जेंस के माध्यम से करवाया जाता है। केन्द्र सरकार के मापदण्डों के अनुसार एक भवन के निर्माण के लिए 12 लाख रुपये की राशि निर्धारित की गई है। जिसमें से 2 लाख रुपये विभाग द्वारा, 8 लाख रुपये नरेगा कन्वर्जेन्स से तथा 2 लाख रुपये पंद्रहवें वित्त आयोग या जिला परिषद द्वारा अन्य किसी अनटाइड फण्ड से लिए जाते हैं।
इससे पहले विधायक गोपाल लाल शर्मा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान सभा क्षेत्र मांडलगढ़ के अन्तर्गत दो परियोजनाओं माण्डलगढ़ एवं कोटडी के अधीन कुल 373 आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं, जिनमें से 372 केन्द्र वर्तमान में संचालित किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 254 आंगनबाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में संचालित हैं। इसी प्रकार किराए के भवनों में 24, विद्यालयों में 92 तथा अन्य भवनों में 2 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि विभागीय भवन के अलावा अन्यत्र संचालित किये जाने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण का कार्य पंचायतीराज, स्थानीय निकाय, राजस्व विभाग से भूमि आंवटन हो जाने पर विभाग द्वारा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर प्राथमिकता से क्रमश: किराये के भवनों, नि:शुल्क भवनों, सामुदायिक भवनों एवं अंत में राजकीय विद्यालयों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिये करवाया जाता है।
उन्होंने बताया कि किराये के भवन में संचालित 24 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 4 आंगनबाड़ी केन्द्रों क्रमशः पीपली का डेरा (जलीन्द्री), धाबाई की झोंपडिया (बरून्दनी), सारण का खेडा (महुआ), फूलजी की खेडी (श्यामगढ) के लिये भूमि आंवटन हो चुका है। इन केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु अग्रिम कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।