केंद्र सरकार ने कोटा-बूंदी में नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को मंजूरी दी है, जिसकी लागत 1507 करोड़ रुपये होगी। यह एयरपोर्ट 24 महीनों में तैयार होगा और सालाना 20 लाख यात्रियों को संभाल सकेगा। इससे कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ जिलों को सीधा फायदा मिलेगा और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।

कोटा: केंद्र सरकार ने राजस्थान के कोटा-बूंदी में एक नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1507 करोड़ रुपये है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह हवाई अड्डा कोटा-बूंदी क्षेत्र में हवाई संपर्क को बेहतर करेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।
क्या होंगी इस नए एयरपोर्ट की खासियतें?
इस नए एयरपोर्ट में कई आधुनिक सुविधाएं होंगी। इसका टर्मिनल भवन 20,000 वर्ग मीटर में फैला होगा, जो एक समय में 1000 यात्रियों को संभाल सकता है और सालाना 20 लाख यात्रियों की क्षमता रखता है। हवाई अड्डे में 3200 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा रनवे (11/29) होगा, जो A-321 जैसे बड़े विमानों के लिए उपयुक्त है। इसके अलावा, 7 पार्किंग बे, दो लिंक टैक्सीवे, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और टेक्निकल ब्लॉक, फायर स्टेशन, कार पार्किंग और अन्य जरूरी सुविधाएं भी होंगी।
नए एयरपोर्ट से किन जिलों को फायदा?
चंबल नदी के किनारे बसा कोटा राजस्थान की औद्योगिक राजधानी के रूप में जाना जाता है। साथ ही, यह भारत का शिक्षा कोचिंग हब भी है, जहां हर साल लाखों छात्र इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं। इस नए एयरपोर्ट से कोटा और आसपास के बूंदी, बारां और झालावाड़ जैसे जिलों को सीधा फायदा होगा। यह परियोजना क्षेत्र में बढ़ते यातायात को देखते हुए महत्वपूर्ण है।
कोटा में यह नया एयरपोर्ट क्यों है जरूरी?
राजस्थान सरकार ने इस परियोजना के लिए AAI को 440.06 हेक्टेयर (लगभग 1089 एकड़) जमीन मुफ्त में दी है। मौजूदा कोटा एयरपोर्ट, जो AAI के पास है, केवल छोटे कोड ‘B’ विमानों (जैसे DO-228) के लिए उपयुक्त है। इसका रनवे 1220 मीटर लंबा और 38 मीटर चौड़ा है, और टर्मिनल भवन केवल 400 वर्ग मीटर का है, जो एक समय में सिर्फ 50 यात्रियों को संभाल सकता है। आसपास की घनी आबादी और जमीन की कमी के कारण इसे और विस्तार नहीं किया जा सकता। इसलिए, नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया जा रहा है।
24 महीनों में बनकर तैयार होगा नया एयरपोर्ट
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि यह हवाई अड्डा 24 महीनों में बनकर तैयार होगा और AAI इसे अपनी आंतरिक आय से फंड करेगा। यह परियोजना कोटा की शैक्षिक और औद्योगिक अहमियत को और बढ़ाएगी। इससे न केवल हवाई संपर्क बेहतर होगा, बल्कि रोजगार, निवेश और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह हवाई अड्डा केंद्र सरकार की ‘उड़ान’ योजना के तहत क्षेत्रीय विकास को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस तरह देखा जाए तो कोटा-बूंदी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा राजस्थान के लिए एक नया तोहफा है, जो इस क्षेत्र को देश और दुनिया से जोड़ेगा।