सभी जिला कलेक्टरों को दीपावली के दिन ध्वनि एवं वायु प्रदूषण स्तर की जांच करवाने के निर्देश,बीकानेर में विरोध बाद प्रशासन ने मांगे मानी
जयपुर/बीकानेर@जागरूक जनता। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को पटाखों से उत्पन्न ध्वनि प्रदूषण करने वाले पटाखों को प्रतिबंधित करने के सम्बंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।
मण्डल सदस्य सचिव आनन्द मोहन ने बताया कि दीपावली के अवसर पर प्रदेश में नागरिकों द्वारा रात्रि काल में पटाखे व आतिशबाजी की जाती है जिससे न केवल ध्वनि प्रदूषण होता है अपितु वायु प्रदूषण भी फैलता है। इस सम्बन्ध में सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा 18 जुलाई, 2005 को पारित निर्णय में पटाखों से उत्पन्न ध्वनि प्रदूषण करने वाले पटाखों को प्रतिबंधित किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य मण्डल द्वारा राजस्थान मण्डल कार्यालय यथा अलवर, बालोतरा, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, बीकानेर, चित्तौड़गढ, जोधपुर, किशनगढ, कोटा, पाली, सीकर, उदयपुर, एवं जयपुर शहर में 29 अक्टूबर (दीपावली पूर्व) एवं 04 नवम्बर को ध्वनि अनुश्रवण एव वायु प्रदूषण स्तर की जांच की जाएगी। राज्य मण्डल द्वारा वायु की गुणवत्ता की जांच हेतु जयपुर, उदयपुर, कोटा, जोधपुर एवं अलवर में वायु परीवीक्षा भी की जायेगी।
बीकानेर में पटाखा व्यापारियों ने लॉटरी सिस्टम पर किया विरोध, प्रशासन ने व्यापारियों की मांगे मानी
बीकानेर शहर में इस बार पटाखा दुकानें जवाहर स्कूल मैदान, एम एम ग्राउंड व ग्रामीण हाट में ही लगने वाली थी। जिसको लेकर प्रशासन ने लॉटरी निकालने की पूरी तैयारी कर ली। इससे नाराज़ पटाखा व्यापारी शुक्रवार सुबह से ही कलेक्ट्रेट में धरने पर थे। देर शाम अंबेडकर भवन में लॉटरी निकलने से पहले ही वॉक आउट कर लिया। पटाखा व्यापारियों की दिनभर चले विरोध के बाद आखिरकार देर शाम प्रशासन ने प्रदर्शनकारी व्यापारियों की मांगे मानते हुए लॉटरी सिस्टम रद्द करते हुए तीन स्थानों पर ही दुकानें लगवाने की योजना भी रद्द कर दी है। अब पूर्व की भांति बाजारों में पटाखा दुकानें लग सकेगी।
पटाखा एसोसिएशन के अनुसार एसडीएम से हुई वार्ता में उन्होंने बाजारों में दुकानें लगाने की स्वीकृति प्रदान की है। हालांकि स्वीकृति सशर्त प्रदान की बताते हैं। इस बार पटाखा दुकानें सिर्फ उन्हीं स्थानों पर लगाई जा सकेगी, जहां तक फायर ब्रिगेड आसानी से पहुंच सके। अधिक भाड़ भाड़ वाले संकरे रास्तों पर पटाखा दुकानें नहीं लगेगी। इसके अतिरिक्त बड़ी शर्त यह है कि अगले वर्ष से शिवबाड़ी सहित विभिन्न मैदानों में पटाखा दुकानें लगाने हेतु सभी हस्ताक्षर करेंगे। इस बार मिलने वाले लाइसेंस के दौरान इस हेतु अनापत्ति पर हस्ताक्षर करवा लिए जाएंगे।