पोषक वाटिका महाभियान एवं वृक्षारोपण’ कार्यक्रम

पोषक वाटिका महाभियान एवं वृक्षारोपण’ कार्यक्रम

बीकानेर@जागरूक जनता । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली की ओर से ‘अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023’ के परिपेक्ष में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित ‘पोषक वाटिका महाभियान एवं वृक्षारोपण’ कार्यक्रम में भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र द्वारा अपने कृषि प्रक्षेत्र में हाईब्रीड नेपियर पौधरोपण गतिविधि एवं केन्द्र सभागार में किसानों से संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के परिपेक्ष्य में पोषक अनाज हितधारकों के इस सीधे प्रसारित सम्मेलन से केन्द्र वैज्ञानिकों, तकनीकी अधिकारियों आदि के साथ आस-पास के गांवों यथा- गाढ़वाला, केसरदेसर, कोटड़ी, सूरधना आदि के लगभग 100 किसानों ने भी सहभागिता निभाई।  साथ ही बालिकाएं भी इस कार्यक्रम की हिस्सा बनीं।
अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज दिवस पर खाद्य सुरक्षा व पोषण के लिए पोषण अनाज के योगदान के बारे में जागरुकता बढ़ाने संबंधी इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के संबंध में प्रकाश डालते हुए केन्द्र निदेशक    डॉ.आतर्बन्धु साहू ने कहा कि बाजरा एक पश्चिमी राजस्थान की मरुक्षेत्रीय फसल है जिसमें बहुत सारे पौष्टिक  गुण पाए जाते हैं, इस दृष्टिकोण से केन्द्र द्वारा ऊँटनी के किण्वित दूध के साथ इस बाजरे को मिलाकर इसका स्वादिष्ट उत्पाद तैयार किया गया ताकि मानव पोषण एवं मानव स्वास्थ्य के उपयोग में इन अनाजों की महत्ता सिद्ध करते हुए इन्हें उपयोग में लाया जा सके। डॉ.साहू ने कहा कि केन्द्र निर्मित इस उत्पाद से क्षेत्र विशेष अनाज (बाजरे) की महत्ता भी बढ़ेगी साथ ही ऊँटनी के औषधीय दूध के उपभोग को बढ़ाने में भी इससे सहायता मिल सकेगी। निदेशक महोदय ने तैयार उत्पाद को आमजन के उपभोग हेतु शीघ्र ही संस्थान के पार्लर के माध्यम से उपलब्ध करवाए जाने की बात भी कही।
केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ.आर.के.सावल ने हाईब्रीड नेपियर पौध की गुणवत्ता के संबंध में अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कहा कि इससे किसान भाई अपने पशुओं हेतु वर्षभर पौष्टिक चारा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रयोजनार्थ उन्होंने केन्द्र द्वारा हाईब्रीड नेपियर पौध लगाने  के बारे में किसानों को प्रोत्साहित भी किया। व्याख्यान में डॉ.सावल द्वारा किसानों को नेपियर पौध लगाने संबंधी व्यावहारिक जानकारी दी गई ताकि वे चारा उत्पादन हेतु इन्हें अपने खेतों में लगा कर इस चारा तकनीक को अपना सके।
कार्यक्रम समन्वयक महेन्द्र कुमार राव, कृषि अधिकारी ने जानकारी दी कि नेपीयर की चारा उत्पादन क्षमता एवं ऊँटों हेतु इसकी पौष्टिकता को देखते हुए हाईब्रीड नेपियर के करीब 1 हजार पौधे (नेपियर कटिंग) कृषि परिक्षेत्र में लगाए गए है।  केन्द्र द्वारा किसानों को 400 नेपियर पौध कटिंग का भी वितरण किया गया।

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