मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के प्रमुख महंत किशोर पुरी महाराज देवलोक गमन,पार्थिव शरीर पहुंचा बालाजी

जयपुर में अपने निवास पर ली अंतिम सांस मंदिर के पट बंद, महंत के उत्तराधिकारी नरेशपुरी महाराज सेवा मे रहे मौजूद

मेहंदीपुर बालाजी @ jagruk janta. भारत की प्रसिद्ध धर्म स्थलों में शामिल मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के महंत किशोरपुरी महाराज का रविवार दोपहर जयपुर में निधन हो गया। वह 88 साल के थे। पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे ।उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर 1 सप्ताह पहले ही मेहंदीपुर बालाजी से जयपुर ले जाया गया था ।उनका इलाज इंटरनल हॉस्पिटल में चल रहा था ।उन्होंने रविवार को दोपहर 1:00 बजे अपने घर पर अंतिम सांस ली । इस दौरान मंहत के उत्तराधिकारी नरेशपुरी महाराज उनकी सेवा में उनके साथ रहे । दोपहर करीब 3:30 बजे उनका पार्थिव शरीर बालाजी पहुंचा यहां बालाजी मंदिर आरती हॉल पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। सोमवार को उनके पार्थिव शरीर का चकढ़ोल निकाल कर संत परंपरा के अनुसार समाधि दी जाएगी। वही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सांसद जसपुर मीणा मंत्री ममता भूपेश सहित कई जनप्रतिनिधि नेताओं ने शोक जताया है।

चेस्ट इंफेक्शन था- किशोर पुरी महाराज के उत्तराधिकारी नरेशपुरी महाराज ने बताया कि महाराज जी चेस्ट इन्फेक्शन सहित कई बीमारियों से जूझ रहे थे ।उनके पार्थिव शरीर को जयपुर से मेहंदीपुर बालाजी  लाया गया । संत परंपरा के अनुसार महंत जी को समाधि दी जाएगी।

बालाजी में शोक की लहर –महंत किशोर पुरी महाराज के निधन की सूचना मिलते ही बालाजी में सन्नाटा पसर गया। दर्शनार्थियों के लिए बालाजी मंदिर के पट बंद कर दिए गये। इसके साथ ही व्यापारी बाजार की दुकानें भी बंद कर मंदिर परिसर में पहुंच गए जहां महाराज जी के अंतिम दर्शन किये। महंत किशोर पुरी महाराज के पार्थिव शरीर को बालाजी मंदिर आरती हॉल में भक्तों के दर्शनों के लिए रख दिया गया है।

55 साल पहले बैठे थे गद्दी पर -सामाजिक कार्यों के लिए अपनी विशेष पहचान रखने वाले महंत किशोर पुरी महाराज का जन्म साल 1944 में मेहंदीपुर बालाजी के पास उदयपुरा गांव में हुआ था। बचपन में अपने गुरु गणेश पुरी महाराज के दीक्षा लेने के बाद करीब 55 साल पहले मेहंदीपुर बालाजी के महंत की गद्दी पर आसीन हुए थे ।बालाजी मंदिर ट्रस्ट के पदेन अध्यक्ष महंत किशोर पुरी  बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक स्कूल और पीजी कॉलेज संस्कृत कॉलेज आईटी कॉलेज की स्थापना की थी।
फोटो1 महंत किशोरपुरी महाराज पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन।

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