प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ऐलान किया कि 21 जून से 18 साल से ज्यादा उम्र वालों को भी फ्री वैक्सीन का फायदा मिलेगा। प्रधानमंत्री की इस घोषणा के एक दिन बाद यानी मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीनेशन प्रोग्राम की नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। ये 21 जून से लागू हो जाएंगी।
नई गाइडलाइंस के मुताबिक केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माता कंपनियों से 75% वैक्सीन खरीद कर राज्यों को मुफ्त में देगी। लेकिन राज्यों को वेस्टेज से बचना होगा नहीं तो उन्हें मिलने वाली सप्लाई पर असर पड़ेगा। साथ ही कहा गया है कि प्राइवेट अस्पतालों के लिए वैक्सीन की कीमत मैन्युफैक्चरर कंपनियां ही घोषित करेंगी।
केंद्र की तरफ से राज्यों को वैक्सीन के जितने डोज मिलेंगे। उनमें राज्यों को प्राथमिकता तय करनी होगी। इस प्रायरिटी में हेल्थकेयर वर्कर्स सबसे ऊपर रहेंगे। इसके बाद 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और फिर उन लोगों को प्राथमिकता देनी होगी जिनका दूसरा डोज बाकी है। इसके बाद 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का नंबर आएगा। इनके वैक्सीनेशन के लिए राज्य सरकार अपने हिसाब से प्रायरिटी तय कर सकेगी।
नई गाइडलाइंस में ये बातें भी शामिल
- केंद्र सरकार राज्यों को उनकी आबादी, संक्रमितों की संख्या और वैक्सीनेशन का प्रोग्रेस जैसे पैमानों के आधार पर डोज भेजेगी। राज्यों को वेस्टेज का ध्यान रखना होगा, नहीं तो उन्हें मिलने वाली वैक्सीन की सप्लाई पर असर पड़ेगा।
- केंद्र सरकार राज्यों को पहले ही बता देगी कि उन्हें कितने डोज मिलने वाले हैं। इसी हिसाब से राज्य सरकारें भी उनके जिलों और वैक्सीनेशन सेंटर्स को एडवांस में ही डोज अलॉट कर देगी। जिलों और वैक्सीनेशनस सेंटर्स की तरफ से यह जानकारी सार्वजनिक की जाएगी ताकि लोगों को दिक्कत न हो।
- सरकार छोटे कस्बों और दूरदराज के इलाकों में स्थित प्राइवेट अस्पतालों वैक्सीन सप्लाई बढ़ाने में मदद करेगी, ताकि भौगोलिक आधार पर असमानता को खत्म किया जा सके।
- राज्य सरकारें ऐसे छोटे अस्पतालों की वैक्सीन डिमांड का खाका तैयार करेंगी और केंद्र सरकार ऐसे अस्पतालों को वैक्सीन सप्लाई करने में मदद करेगी। इसके लिए दोनों के स्तर पर साथ-साथ काम होगा।
- सभी लोगों को वैक्सीन वैक्सी मिलेगी, इसमें किसी का आर्थिक स्तर नहीं देखा जाएगा। लेकिन सरकार ने अपील के तौर पर कहा है कि जो लोग पैसे देने में सक्षम हैं उन्हें प्राइवेट अस्पतालों में पैसे देकर वैक्सीन लगवानी चाहिए।
- गरीबों को प्राइवेट अस्पतालों में फ्री वैक्सीन लगवाने के लिए ई-वाउचर जारी किए जाएंगे। ये नॉन ट्रांसफेरेबल होंगे। यानी वाउचर का इस्तेमाल सिर्फ वही व्यक्ति कर सकेगा जिसके नाम पर यह इश्यू किया जाएगा।
- वैक्सीन खरीद की व्यवस्था बदलेगी, राज्यों को केंद्र से ही मिलेंगे पूरे डोज
पुरानी पॉलिसी नई पॉलिसी
केंद्र सरकार 50% वैक्सीन खरीदती थी। केंद्र सरकार 75% वैक्सीन खरीदेगी।
25% राज्यों को खरीदनी होती थीं। राज्यों को वैक्सीन खरीदने की जरूरत नहीं होगी।
25% प्राइवेट अस्पताल खरीद सकते हैं। पहले की तरह 25% वैक्सीन सीधे मैन्युफैक्चरर से खरीद सकेंगे।
अभी क्या होता था, आगे क्या होगा
- केंद्र सरकार: जितने डोज खरीदती थी उनमें से 50% डोज प्रायरिटी ग्रुप्स और 45+ उम्र वालों के लिए राज्यों को फ्री देती थी। अब फ्री सप्लाई 50% से बढ़ाकर 75% की जाएगी। इसके दायरे में 18-44 साल वाले भी शामिल किए जाएंगे।
- राज्य: 1 मई तक राज्यों को 18-44 साल तक की उम्र के लोगों के लिए 25% डोज बाजार से खरीदने होते थे। अब राज्य सरकार इसकी खरीद नहीं करेंगी बल्कि केंद्र से मिले डोज का ही इस्तेमाल करेंगी।
- 45+ उम्र वाले: फ्री वैक्सीन का सबसे ज्यादा फायदा मिलता रहेगा, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में पहले की तरह पैसे चुकाने होंगे।
- 18-44 साल उम्र वाले: 21 जून से सरकारी केंद्रों पर फ्री वैक्सीन लगेगी, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में पैसे चुकाने होंगे।
- प्राइवेट अस्पताल: केंद्र सरकार के साथ-साथ वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स से भी डील कर सकते हैं। वैक्सीन लगाने के लिए 150 रुपए चार्ज ले सकते हैं।