
जोबनेर। श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर के कुलगुरु डॉ. पी.एस. चौहान के सान्निध्य में श्री कर्ण नरेंद्र कृषि महाविद्यालय, जोबनेर में एकदिवसीय वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में कुलगुरु डॉ. चौहान ने महाविद्यालय के संकाय सदस्यों से शिक्षण, अनुसंधान एवं प्रसार गतिविधियों की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की।
कुलगुरु डॉ. चौहान ने महाविद्यालय के शैक्षणिक फार्म एवं फार्म पॉन्ड का निरीक्षण किया तथा वहां संचालित विभिन्न प्रायोगिक एवं प्रशिक्षणात्मक गतिविधियों का बारीकी से अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को उद्यमिता (Entrepreneurship) के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, ताकि वे आत्मनिर्भर बनकर कृषि में नवाचार एवं मूल्यवर्धन के नए आयाम स्थापित कर सकें।
डॉ. चौहान ने संकाय सदस्यों से टीम भावना और समन्वय के साथ कार्य करने का आह्वान करते हुए शिक्षण एवं अनुसंधान को अधिक व्यावहारिक, उपयोगी और प्रभावी बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को “रोजगार पाने वाला नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला” बनाना है।
कुलगुरु डॉ. चौहान ने सुझाव दिया कि महाविद्यालय स्तर पर नर्सरी के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री (plant material) तैयार की जाए, जिससे राजस्व सृजन (revenue generation) के अवसर बढ़ें। साथ ही, नवीन कृषि प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन (technology display) किया जाए, ताकि अधिक से अधिक किसान इन नवाचारों से परिचित होकर उनका लाभ उठा सकें।
उन्होंने शैक्षणिक फार्म में मछली उत्पादन और ‘अज़ोला’ (Azolla) जैसी जैविक तकनीकों के विस्तार को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई। कुलगुरु डॉ चौहान ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय का विशेष ध्यान स्थानीय फलों जैसे बेल, बेर, केर, लसोड़ा और सांगरी जैसी पारंपरिक फसलों के संरक्षण एवं प्रचार पर रहेगा, जिससे राजस्थान की जैव विविधता और स्थानीय खाद्य संस्कृति को प्रोत्साहन मिल सके।
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के डॉ. डी.के. गोठवाल, डॉ. उम्मेद सिंह, डॉ. एन.के. गुप्ता, डॉ. आर.एन. शर्मा, डॉ. बी.एल. जाट, डॉ. आर.के. समोरिया, डॉ. एल.आर. यादव, डॉ. ओ.पी. गढ़वाल सहित विश्वविद्यालय के अन्य संकाय सदस्य उपस्थित रहे।


