- अलवर के अराजका में प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर ट्रैक्टर लेकर आ गए। इससे वहां अफरातफरी मच गई।
- राजधानी जयपुर के गांधीनगर, चौमू,अलवर के मालाखेड़ा, बूंदी, कोटा, झुंझुनू, हनुमानगढ़ जिलों में असर
- राजधानी के जगतपुरा में रेल रोको आंदोलन को देखते हुए बाजार बंद कर दिया गया
जयपुर। किसानों के देशव्यापी रेल रोको आंदोलन का राजस्थान के 6 जिलों में असर देखने को मिला, जहां आंदोलनकारियों ने ट्रेन रोककर और पटरियों पर बैठकर चार घंटे तक विरोध प्रदर्शन किए। जयपुर जिले में गांधीनगर, जगतपुरा, चौमू,अलवर के मालाखेड़ा,अराजका, बूंदी, कोटा, झुंझुनू, चूरू,हनुमानगढ़ जिलों में प्रदर्शनकारियों ने पटरियों पर पहुंचकर ट्रेन रोकी, धरना दिया। जयपुर के गांधीनगर स्टेशन पर आंदोलनकारियों ने गुड्स ट्रेन रोक दी। प्रदर्शनकारी ट्रेन के इंजन पर चढ़ गए। मौके पर मौजूद आरपीएफ के जवानों ने इंजन से प्रदर्शनकारियों को उतारा तो वह ट्रैक पर बैठ गए।
वहीं, चौमूं में प्रदर्शनकारी ट्रैक पर धरने पर बैठ गए। बीकानेर में भी आंदोलनकारियों ने ट्रेन रोक कर इंजन पर चढ़ गए।
अलवर के अजारका में पटरी पर ट्रैक्टर लगाकर प्रदर्शन, मालाखेड़ा में कंट्रोल रूम में घुसे
अलवर के माला खेड़ा में प्रदर्शनकारियों ने पटरी पर बैठ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को देखते हुए इंटरसिटी एक्सप्रेस को राजगढ़ स्टेशन पर रोक दिया गया था, इससे पहले प्रदर्शनकारी कंट्रोल रूम पर घुस गए थे। अलवर में अजारका में प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर ट्रैक्टर ले आए। उन्होंने ट्रैक्टर लगाकर रेल लाइन को जाम कर दिया। इससे वहां कुछ देर के लिए अफरातफरी मच गई। अलवर के राजगढ़ स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने जैसलमेर-जम्मूतवी इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया, ट्रेन साढ़े 12 बजे से लंबे समय तक स्टेशन पर खड़ी रही। रेलवे अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, बादमें प्रदर्शन खत्म होने पर ही ट्रेन चल सकी।
जयपुर के टोंक फाटक पर तमाशबीनों को पुलिस ने भगाया
जयपुर में टोंक फाटक के नीचे रेल रोको आंदोलन चल रहा था इस बीच टोंक फाटक पुलिया से गुजरने वाले लोग मोबाइल से इस प्रदर्शन की रिकॉर्डिंग करने लगे। इस कारण बार-बार पुलिस को दीवार पर चढ़े इन लोगों को हटाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही थी।

बीकानेर में सांकेतिक ही रहा रेल रोको आंदोलन, कुछ ही देर बाद हटाया
बीकानेर रेलवे स्टेशन और कोटगेट क्रासिंग पर भी प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन रोकी। बीकानेर के इस ट्रैक से श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ व पंजाब की ओर जाने वाली रेलगाड़ियां गुजरती हैं। हालांकि, थोड़ी देर बाद ही जवानों ने आकर प्रदर्शनकारियों को ट्रैक से हटा दिया।
अलवर और जयपुर में किसानों ने रेल रोकने का कार्यक्रम पहले से ही निर्धारित किया हुआ है। राजधानी के जगतपुरा में भी ट्रेन रोकी। जयपुर जिले के चौमूं रेलवे स्टेशन पर आंदोलकारी पटरियों पर बैठ गए हैं। बाकी जिलों से फिलहाल ऐसा कुछ होने की सूचना नहीं है। हालांकि, रेलवे ने राजस्थान से जुड़े ट्रैक और रेलवे स्टेशनों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं।
जयपुर के जगतपुरा में पहले सभा, फिर ट्रेन रोकीं
राजधानी जयपुर के जगतपुरा में रेल रोको आंदोलन से पहले किसान आंदोलन समथर्कों ने सभा की। युवा नेता नरेश मीणा सहित कई नेताओं ने केंद्र सरकार ओर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। इस सभा के बाद थोड़ी ही देर में नरेश मीणा समर्थकों के साथ रेलवे ट्रैक पर कूच किया। इस बीच रेल रोको आंदोलन को देखते हुए जगतपुरा के बाजार बंद रखे गए ।
अलवर में सबसे ज्यादा असर
हरियाणा से सटा हुआ होने और शाहजहापुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के कारण अलवर जिले में रेल रोको आंदोलन का असर रहा। जिले में कई जगहों पर किसानों ने स्टेशनों के आसपास ट्रैक पर जाम लगाया। रेल रोको आंदोलन को देखते हुए अलवर जंक्शन पर भी जीआरपी ने बैरिकेड्स रखकर तैयार कर लिए थे और सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। जिले में रेल रोको आंदोलन शांतिपूर्ण रहा।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में गुरुवार को किसानों ने यह रेल रोको आंदोलन की घोषणा करीब एक सप्ताह पहले की थी। यह घोषणा उसी दिन की थी, जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए इन कानूनों के संबंध में अपनी बात रखी थी।