नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया- LG मुझे रोज जितना डांटते हैं, उतना मेरी पत्नी भी मुझे नहीं डांटतीं। पिछले 6 महीने में LG ने जितने लव लेटर मुझे लिखे, उतने पूरी जिंदगी में मेरी पत्नी ने भी नहीं लिखे।
केंजरीवाल ने कहा- LG साहेब, थोड़ा चिल करो
अरविंद केजरीवाल ने आगे लिखा- LG साहेब, थोड़ा चिल करो और अपने सुपर बॉस को भी बोलो कि थोड़ा चिल करें। केजरीवाल लगातार आरोप लगा रहे हैं कि LG केंद्र के इशारों पर काम कर रहे हैं और दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के काम में अड़ंगा डाल रहे हैं।
LG की इस चिट्ठी पर केजरीवाल नाराज
कुछ दिन पहले LG वीके सक्सेना ने केजरीवाल को पत्र लिखा था। इसमें LG ने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि गांधी जयंती के मौके पर केजरीवाल या उनकी सरकार का कोई भी मंत्री राजघाट या विजय घाट नहीं गया। LG ने इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया।
पत्र में लिखा कि इस तरीके के कार्यक्रमों का आयोजन दिल्ली सरकार की तरफ से किया जाता है। कार्यक्रम के अतिथियों को जो निमंत्रण पत्र भेजा जाता है, वह दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाम से जाता है। ऐसे में सीएम या किसी मंत्री का गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्री जी की समाधि पर न जाना गलत है।
शराब नीति में घोटाला केजरीवाल और सक्सेना के बीच विवाद की बड़ी वजह
दिल्ली की शराब नीति में घोटाले का आरोप लगाकर LG वीके सक्सेना ने इसकी CBI जांच की सिफारिश की थी। CBI ने डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के घर और बैंक लॉकर को खंगाला था। इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस दर्ज हुआ और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एकसाथ 6 राज्यों में 40 जगहों पर छापेमारी की।
1 अगस्त से लागू की गई थी शराब नीति
डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने 1 अगस्त 2022 को ऐलान किया था कि पुरानी शराब नीति लागू होगी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा- केंद्र ने इस पॉलिसी में CBI की एंट्री करा दी, जिससे कोई भी ठेका लेने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए हम नई व्यवस्था लागू नहीं करेंगे।
डिप्टी CM ने कहा था कि नई एक्साइज पॉलिसी से भाजपा का भ्रष्टाचार खत्म हो जाता और साल में 9,500 करोड़ का राजस्व आता। वर्तमान में दिल्ली में 468 शराब दुकानें चल रही हैं। भाजपा का मकसद है कि दिल्ली में अवैध शराब बिके।
इस नई शराब नीति के तहत दिल्ली सरकार ने ये 5 प्रमुख फैसले लिए…
- पूरी दिल्ली को 32 जोन में बांटकर हर जोन में 27 लिकर वेंडर रखने की बात कही गई।
- इसमें फैसला किया गया कि दिल्ली सरकार अब शराब बेचने का काम नहीं करेगी।
- अब दिल्ली में शराब बेचने के लिए सिर्फ प्राइवेट दुकानें होंगी।
- हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी जाएगी।
- शराब दुकानों के लिए लाइसेंस देने की प्रॉसेस को आसान और फ्लेक्सिबल बनाया जाएगा।
नई शराब नीति पर इन 4 नियमों को तोड़ने के आरोप लगे हैं…
- GNCTD अधिनियम 1991
- व्यापार नियमों के लेनदेन (TOBR)-1993
- दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009
- दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010
इसी वजह से मुख्य सचिव ने आबकारी विभाग से जवाब भी मांगा था। जब 8 जुलाई को इस संबंध में उपराज्यपाल को फाइल भेजी गई, तब जाकर इस मामले पर बवाल मचना शुरू हुआ।