अजूबा : 84 साल के बुजुर्ग ने 11 बार लिया कोरोना वैक्सीन का डोज, कहा- हो गया रोगमुक्त, 12वीं बार भी दिला दीजिए

पटना। कोरोना वैक्सीन को लेकर तरह-तरह के दावे और खुलासे होते रहे हैं। लेकिन, बिहार के मधेपुरा जिले से आया नया दावा कुछ अलग है। दरअसल मधेपुरा के एक 84 वर्षीय बुजुर्ग का दावा है कि उन्होंने एक दो नहीं बल्कि 11 बार कोरोना का टीका लगवाया है, क्योंकि इस टीके से उन्हें कई तरह के फायदे हुए हैं।

बिहार में कोरोना टीकाकरण को लेकर सरकारी लापरवाहियां कई बार सामने आती रही हैं। देश की नामी गिरामी हस्तियों का भी कागजों पर यहां के कई जिलों में टीकाकरण हो गया है। अब ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरी व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। मधेपुरा जिले के एक बुजुर्ग को दो बार नहीं 11 बार कोरोना का टीका लग चुका है। यह दावा खुद बुजुर्ग ने किया है।  बुजुर्ग ने 12वीं बार भी टीका लगवाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके हैं। बुजुर्ग ने बार-बार टीका लगवाने का कारण और इसका फायदा भी बताया है। 

मधेपुरा के पुरैनी प्रखंड के  औराय गांव के रहने वाले 84 वर्षीय ब्रह्मदेव मंडल ने पिछले 10 महीन में अलग-अलग जगहों पर 11 बार कोरोना का टीका लिया है। उनका कहना है कि टीका लेने के बाद उनके घुटनों का दर्द कम हुआ है। इस कारण उन्होंने इतनी वैक्सीन ले ली। उन्होंने लंबे समय तक ग्रामीण चिकित्सक का भी काम किया है। उन्होंने टीका लेने की तारीखें भी बकायदा एक कागज पर नोट की हुई हैं। 

उन्होंने टीका का 12वां डोज लेने की भी कोशिश की लेकिन टीका खत्म हो गया था। उन्होंने बताया कि एक ही आधार कार्ड और एक ही मोबाइल फोन पर ये टीके लिए है। सरकार कोई निगरानी नहीं कर रही है। मैं तो अपने फायदे के लिए टीका ले रहा हूं। आगे भी टीका लेने की मेरी इच्छा है। मामले की जानकारी मिलते ही जांच का आदेश दिया गया है। सीएस अमरेंद्र प्रताप शाही ने चौसा और पुरैनी के प्रभारियों से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि अगर यह सच है तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। 

कब और कहां लगवाई वैक्सीन?

13 फरवरी को पहली बार पुरैनी पीएचसी में टीका लगवाया।
दूसरी डोज 13 मार्च को पुरैनी पीएचसी में लिया।
तीसरी खुराक 19 मई को औराय उप स्वास्थ्य केंद्र में जाकर लगवाई।
चौथी डोज 16 जून को भूपेंद्र भगत के कोटा पर लगे कैंप में जाकर लगवाया।
पांचवां डोज 24 जुलाई को पुरैनी बड़ी हाट स्कूल पर लगे कैंप में जाकर लिया।
छठवां डोज 31 अगस्त को नाथबाबा स्थान कैंप में लगवाया।
सातवां डोज 11 सितंबर को बड़ी हाट स्कूल में लिया।
आठवीं बार 22 सितंबर को बड़ी हाट स्कूल पहुंचा और यहां भी वैक्सीनेशन करवा लिया।
नौवीं बार 24 सितंबर को स्वास्थ्य उप केंद्र कलासन में टीकाकरण करवाया।
10वीं बार खगड़िया जिले के परबत्ता में वैक्सीन ली।
11वीं बार भागलपुर के कहलगांव पहुंचा और यहां कोरोना वैक्सीन का डोज लिया।
12 वीं बार वो फिर से डोज लेने की तैयार कर रहा था।

बहरहाल, स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही उसके गले का फांस बनी हुई है और अधिकारियों को जवाब देते नहीं बन रहा। मामले में डीडीसी नितिन कुमार ने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। जिलाधिकारी से बात करने की कोशिश की जा रही है। स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं लोगों की जुबां पर एक ही बात है कि ये कैसे हो सकता है।

(चेतावनी और अपील: किसी भी दवा या वैक्सीन का सेवन ज्यादा मात्रा में करना खतरनाक होता है। कोरोना वैक्सीन सिर्फ कोरोना से बचाव को लेकर दिनों के अंतराल में ली जाती है। इसको लेकर कई भ्रांतियां फैली हुई हैं। चिकित्सक ऐसी किसी भी बात की पुष्टी नहीं करते कि वैक्सीन से आपके अन्य रोग खत्म होंगे। इसलिए इस तरह के कदम उठाने से बचें और दूसरों को भी बचाएं, )

डिस्क्लेमर : जागरूक जनता ऐसे किसी दावे का समर्थन नही करता है।

साभार:! G.Times

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