रावत के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड का सीएम कौन? विधायक दल की बैठक आज,ये नाम रेस में सबसे आगे

रावत के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड का सीएम कौन? विधायक दल की बैठक आज,ये नाम रेस में सबसे आगे

नई दिल्ली । तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए आखिरकार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। वहीं, सूत्रों के अनुसार आज यानि बुधवार को उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री का ऐलान हो जाएगा। गौरतलब है कि पिछले करीब एक साल से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को बदलने की चर्चाएं उफान पर थी परंतु हर बार सीएम को अभयदान मिलता रहा। हालांकि कई सर्वे में मुख्यमंत्री की छवि को निम्नतम स्तर पर दिखाया गया जिसके कारण बार-बार मुख्यमंत्री को बदलने की चर्चाएं राजनीतिक गलियारों में चल रही थीं। परंतु पिछले दो दिनों में नाटकीय घटनाक्रम में अचानक भाजपा के पर्यवेक्षक रमन सिंह देहरादून पहुंचे उन्होंने सभी विधायकों की राय ली और दिल्ली हाईकमान को रिपोर्ट भेजी।

जानिए मुख्‍यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद क्या बोले त्रिवेंद्र सिंह रावत

इसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत भी दिल्ली गए परंतु शायद वह आलाकमान को अपना पक्ष समझाने में नाकामयाब रहे जिसके बाद मंगलवार को हाईकमान के आदेश पर उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। वहीं, इस्तीफे का ऐलान करते हुए प्रेस वार्ता में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने चार साल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि उन्होंने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन  राजधानी बनाने की दिशा में काफी काम किए।

इसके अलावा महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हिस्सेदार बनाने तथा पहाड़ों में काम करने वाली महिलाओं को घर पर ही इंधन वाघाचं की लकड़ी उपलब्ध कराने के लिए घसियारी योजना का शुभारंभ किया जो उत्तराखंड की महिलाओं के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगा। त्रिवेंद्र ने कहा कि उन्होंने पार्टी के आदेश को सर माथे पर लिया है और जो भी आगे उन्हें जिम्मेदारी सौंपी जाएगी उसका वो पालन करेंगे। 

पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने एक साधारण से कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री जैसे पद से नवाजा। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री का कार्यकाल उनके लिए स्वर्णिम कार्यकाल रहेगा। उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी कि एक साधारण से गांव से निकलकर वह इस पद तक पहुंचेंगे। वहीं, अपने परिवार की पृष्ठभूमि के बारे में बताते हुए कहा कि वह एक सैनिक परिवार से जुड़े रहें और भाजपा के संगठन और आरएसएस के प्रचारक भी रहे हैं अतः उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाने का प्रयास किया।

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