जयपुर@जागरूक जनता। ऊर्जामंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि किसानों के हित में बड़ा फैसला करते हुए कुसुम ए योजना की अवधि 28 फरवरी तक बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि अब कुसुम ए योजना में पहले से पंजीकृत सोलर प्लांट लगाने वाले किसान 28 फरवरी तकऊर्जा विकास निगमसे पॉवर परचेज एग्रीमेंट कर सकेंगे, वहीं प्रोजेक्ट सिक्योरिटी राशि भी 28 फरवरी तक जमा करा सकेंगे।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बंजर व अनउपजाऊ भूमि पर कुसुम योजना में सोलर प्लांट लगाने की इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर काफी गंभीर हैं। उन्होंने कुसुम ए योजना में राजस्थान के अव्वल प्रदेश होने के बावजूद योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने और क्रियान्वयन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री श्री गहलोत किसानों को इस योजना में आसानी से वित्त पोषण के लिए केन्द्र सरकार से भी आग्रह कर चुके हैं।
भाटी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश और प्रदेश के किसानों के हित में पहल करते हुए एसीएस ऊर्जा डॉ सुबोध अग्रवाल द्वारा पिछले दिनाें सीधे बैंकों से संवाद कायम करते हुए बैंकों से बिना कोलेटरल सिक्योरिटी के ऋण देने पर सहमति व्यक्त करा दी है। उन्होंने बताया कि बैंकों से ऋण सुविधा उपलब्ध होने से योजना के पंख लगेंगे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बतया है कि कुसुम ए योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य में राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम नोडल संस्था है। योजना में अब तक 13 परियोजनाओं में 14 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता के संयत्र स्थापित किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि कुसुम योजना के कंपोनेंट ए के तहत बंजर व बेकार भूमि पर आधा किलोवाट से 2 मेगावाट तक के सोलर प्लांट लगाने के लिए बैंकों से बिना कोलेटरल सिक्योरिटी के ऋण देने पर सहमति के बाद योजना की अवधि बढ़ाने की मांग की जाती रही है। उन्होंने बताया कि किसानों, बैंकर्स और डिस्काम्स की मांग को देखते हुए कुसुम ए योजना की अवधि 28 फरवरी तक बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए गए है। उन्होंने बताया कि वितरण निगमों द्वारा बिजली बिल के सात दिन में भुगतान, लेटर ऑफ क्रेडिट व एस्क्रो अकाउंट जैसे निर्णयों से बैंकोें और किसानों में विश्वास बढ़ा है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान कुसुम योजना तीन कंपोनेंट मेंं राजस्थान विद्युत वितरण निगमों के 33/11 केवी सबस्टेशन के 5 किलोमीटर दायरें में किसानों/विकासकर्ताओं की बंजर व अनुपयोगी भूमि पर आधा किलोवाट से लेकर 2 मेगावाट क्षमता के सोलर ऊर्जा संयत्रों की स्थापना कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इन सोलर सयंत्रों पर उत्पादित बिजली को 3 रुपए 14 पैसे की दर पर 25 साल तक संबंधित डिस्काम्स द्वारा खरीद की जाएगी। इसके लिए पीपीए हस्ताक्षरित होगा। उन्होंने बताया कि इस आशय का पीपीए हस्ताक्षरित किया जाता है जिससे सोलर ऊर्जा उत्पादनकर्ता किसान की बिजली 25 साल तक ख्रीद की व्यवस्था भी सुनिश्चित हो जाती है। एस्का्रे व्यवस्था के तहत बैंकों के ऋण की किस्त डिस्काम्स द्वारा सीधे बैंकों में काश्तकारों के खातों में जमा हो सकेगी और शेष राशि काश्तकार के खाते में जमा हो जाएगी।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अक्षय ऊर्जा निगम के पास 722 मेगावाट क्षमता स्थापना के 623 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि केनरा बैंक और एसबीआई ने बिना कोलेटरल सिक्योरिटी के ऋण देने पर सहमति दे दी है।