पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने 9 ऐसे उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है, जो एयर फोर्स के बेस को आतंकी हमले में उड़ाने वाले थे।

कराची: पाकिस्तानी वायुसेना के एक बेस को आतंकी हमले में उड़ाने की साजिश रची जा चुकी थी। मगर समय रहते साजिश का खुलासा हो गया। इससे एयरफोर्स का बेस उड़ने से बच गया। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने वायुसेना के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मसरूर बेस को निशाना बनाकर रची जा रही इस बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम करने का दावा किया है। शुक्रवार को मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई।
‘जंग’ समाचारपत्र की एक खबर के अनुसार, खुफिया एजेंसियों ने इस सप्ताह छापे मारकर नौ संदिग्ध उग्रवादियों को गिरफ्तार किया, जिन्हें मसरूर एयरबेस पर हमला करने का काम सौंपा गया था। इन उग्रवादियों को कराची में स्थित उनके पनाहगाहों से गिरफ्तार किया गया और उनमें से पांच की पहचान अफगान व्यक्तियों के रूप में की गई। खबर में खुफिया सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया कि ये उग्रवादी एक महीने पहले अफगानिस्तान से पाकिस्तान में घुसे थे और पिछले एक महीने से वे एयरबेस के पास एक इलाके में रहकर अपनी योजनाओं को अंजाम देने के लिए इलाके की टोह ले रहे थे।
हमले के लिए जुटा रखा था भारी मात्रा में गोला-बारूद
इस संबंध में एक सूत्र ने बताया कि उग्रवादियों को “भारी मात्रा में गोला-बारूद और विस्फोटकों” का उपयोग करके बेस पर हमला करने का काम सौंपा गया था। खबर में कहा गया कि इस हमले की योजना तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने बनाई थी और इसका नेतृत्व समूह का एक उच्चस्तरीय उग्रवादी कर रहा था। इसमें कहा गया कि वह उग्रवादी कुछ महीने पहले कराची में एक चीनी नागरिक की हत्या करने के बाद अफगानिस्तान भाग गया था। टीटीपी के उग्रवादियों ने 2011 में कराची में पाकिस्तान नौसेना के एयरबेस, 2014 में कराची डॉकयार्ड और उसी वर्ष कराची हवाई अड्डे पर बड़े हमले किए थे।