ये घटना पाकिस्तान (Pakistan) के बलूचिस्तान में हुई है। यहां पहले हाईवे पर जा रही बस को रोका गया। उसमें से 9 लोगों को जबरन उतारकर दूसरी गाड़ी में बिठाया और ले गए। कुछ देर बाद खबर आई कि उन्हें बेरहमी से मार डाला गया।
नई दिल्ली. पाकिस्तान (Pakistan) में शहबाज़ शरीफ की सरकार भले ही अपने मुल्क को सुरक्षा की गारंटी देते फिर रहे हैं लेकिन असल बात ये है कि पाकिस्तान इन दिनों आतंकी हमलों से जूझ रहा है। यहां आए दिन कहीं ना कहीं आतंकवादी हमलें हो रहे हैं। अब बलूचिस्तान (Balochistan) में ये हमला हुआ है। पाकिस्तान के अधिकारियों की दी जानकारी के मुताबिक बंदूकधारियों ने अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से लगे दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान के बलूचिस्तान में एक बस से नौ लोगों का अपहरण करने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी। इसके कुछ देर बाद उसी हाइवे पर एक कार रोक कर उसमें सवाल 2 लोगों को ले गए और उनकी भी हत्या कर दी। जिससे मरने वालों की संख्या 11 हो गई है। हालांकि इस आतंकी हमले की अभी किसी ने भी जिम्मेदारी नहीं ली है। ये हमला शुक्रवार देर रात को हुआ।
बलूच विद्रोहियों पर गहराया शक
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि खनिज-समृद्ध क्षेत्र बलूचिस्तान (Balochistan) में अलगाववादी बलूच उग्रवादी समूह दशकों से यहां पर आतंक मचा रहे हैं। हो सकता है कि ये हमला उन्होंने ही किया हो। पुलिस अधिकारी अब्दुल्ला मेंगल ने कहा कि कई बंदूकधारियों ने नोशकी जिले में ईरान जाने वाली बस को रोक लिया और नौ लोगों को अपने साथ ले गए। बंदूकधारियों ने पहले उनसे पूछा कि वो कहां के रहने वाले हैं? जिन 9 लोगों का किडनैप आतंकियों ने किय़ा वो सभी पाकिस्तान के पंजाब के पूर्वी प्रांत से थे। वो सभी ताफ्तान की यात्रा कर रहे थे।
पीड़ितों को नजदीक से गोली मारी गई
बस के किडनैप किए पीड़ितों को बड़ी बेरहमी से मारा गय़ा है। जिला उपायुक्त हबीबुल्लाह मुसाखाइल ने कहा कि सभी शवों को एक पुल के नीचे से बरामद किया गया। इन सभी को उनके सिर पर बेहद नजदीक से उनके सिर पर कई गोलियां मारी गई थीं।
इन हत्याओं का शक बलूच विद्रोहियों पर इसलिए जा रहा है क्य़ोंकि उन्होंने पहले इस क्षेत्र में इसी तरह की हत्याओं की जिम्मेदारी ली है, जो पड़ोसी चीन के विकसित किए जा रहे गहरे पानी वाले ग्वादर समुद्री बंदरगाह का घर है। विद्रोहियों ने चीनी नागरिकों और उनके हितों को भी निशाना बनाया है।
बता दें कि बीजिंग ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत अपनी 65 अरब डॉलर की प्रतिज्ञा के हिस्से के रूप में क्षेत्रीय विकास परियोजनाओं में भारी निवेश किया है।