केजरीवाल जमानत प्रकरण में गृह मंत्री की टिप्पणी के एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना जवाब दिया है। कोर्ट ने कहा है कि हमने कुछ अलग नहीं किया है। जो उचित लगा आदेश दिया है। आलोचना का स्वागत है हमें कोई दिक्कत नहीं है।
नई दिल्ली. आबकारी घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए एक जून तक की अंतरिम जमानत मामले में गुरुवार को सुप्रीम ने कहा कि उन्होंने कुछ अलग (अपवाद) नहीं किया है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच में ईडी गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर आगे सुनवाई के दौरान जस्टिस खन्ना ने कहा कि हम किसी को कोई अपवाद नहीं बना रहे हैं। हमें जो महसूस हुआ और उचित लगा, हमने वह आदेश पारित कर दिया। आदेश की समालोचना और आलोचना स्वागत योग्य है। आपके अलग-अलग दृष्टिकोण हो सकते हैं, हमें इसमें कोई दिक्कत नहीं है।
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने केजरीवाल के उस बयान पर आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर लोग आम आदमी पार्टी (आप) को वोट देंगे तो उन्हें दो जून को वापस जेल नहीं जाना पड़ेगा। एसजी ने कहा कि ऐसा बयान सिस्टम पर तमाचा है। इस पर केजरीवाल की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि एसजी पूर्वाग्रह से ऐसी टिप्पणी कर रहे हैं। सरकार इस मुद्दे पर हलफनामा पेश करना चाहें तो वह भी सरकार के इस शीर्ष मंत्री के बारे में हलफनामा पेश करने को तैयार हैं।
हमने टाइम लाइन सैट कर दी
एसजी की आपत्ति पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि यह आपकी धारणा है, कोर्ट का आदेश पूरी तरह स्पष्ट है। हमने समयसीमा तय कर दी है कि कितनी तारीख तक जमानत पर हैं और कब सरेंडर करना है। अदालत के निर्देश के अपने मायने हैं। यदि कानून का शासन चलाना है तो वह इसी आधार पर चलेगा। आपके दृष्टिकोण अलग हो सकते हैं लेकिन हमने कुछ अपवाद नहीं किया है। आलोचनाओं का स्वागत है, हमें कोई दिक्कत नहीं है।
अमित शाह ने बताया था स्पेशल ट्रीटमेंट
सुप्रीम कोर्ट की फैसले की आलोचना के स्वागत की टिप्पणी गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी के अगले दिन आई है। केजरीवाल की अंतरिम जमानत के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह ने टिप्पणी की थी कि वह सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को नियमित फैसले के रूप में नहीं देखते। देश में कई लोग ऐसा मानते हैं कि इस मामले में स्पेशल ट्रीटमेंट दिया गया है।