रूस ने दुनिया के सबसे खतरनाक न्यूक्लियर ड्रोन पोसाइडॉन का सफल परीक्षण करके दुनिया में खलबली पैदा कर दी है। पुतिन ने ‘पोसाइडॉन’ परमाणु ऊर्जा से संचालित पानी के नीचे ड्रोन के सफल परीक्षणों की घोषणा के दौरान कहा कि इसकी क्षमताएं ‘सरमत’ मिसाइल को ‘काफी हद तक पार’ कर जाती हैं।

मॉस्कोः रूस ने “बुरेवेस्टनिक आईसीबीएम क्रूज परमाणु मिसाइल” की सफलता के बाद एक ही हफ्ते में अपने दूसरे सबसे चौंकाने वाले हथियार का परीक्षण करके पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने ‘पोसाइडॉन’ समुद्री परमाणु ड्रोन के सफल परीक्षण का दावा किया है। रूस के अनुसार ‘पोसाइडॉन’परमाणु ड्रोन सरमत मिसाइल से कहीं अधिक शक्तिशाली और खतरनाक है। पुतिन ने कहा कि इस हथियार का दुनिया में फिलहाल कोई मुकाबला नहीं कर सकता।
राष्ट्रपति पुतिन ने खुद किया ऐलान
RT.Com के अनुसार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को ऐतिहासिक घोषणा की कि रूस ने परमाणु ऊर्जा से संचालित ‘पोसाइडॉन’ जलमग्न ड्रोन का सफल परीक्षण किया है। इस ‘डूम्सडे टॉरपीडो’ की क्षमताएं रूस की ही ‘सरमत’ इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल को ‘काफी हद तक पार’ कर जाती हैं, जिसे दुनिया की सबसे विनाशकारी हथियारों में गिना जाता है। पुतिन ने कहा कि यह ड्रोन गति और गहराई में अद्वितीय है, जिसका कोई मुकाबला दुनिया में कोई नहीं कर सकता। अभी तक रूस की ‘सरमत मिसाइल’ को दुनिया का सबसे खतरनाक विनाशक हथियार माना जाता है।
पुतिन ने जारी किया वीडियो संदेश
रूस ने यह सफल परीक्षण 28 अक्तूबर को किया। इसमें ड्रोन के परमाणु रिएक्टर को सक्रिय किया गया। पुतिन ने वीडियो संदेश में बताया, “पोसाइडॉन का न्यूक्लियर पावर प्लांट ‘बुरेवेस्टनिक’ क्रूज मिसाइल के पावर प्लांट से 1,000 गुना अधिक शक्तिशाली है। यह हथियार अवरोधन से परे है। यानि इसे दुनिया में कोई नहीं रोक सकता। यह ड्रोन 100 मेगाटन क्षमता वाला परमाणु वारहेड ले जा सकता है, जो हिरोशिमा बम से 6,600 गुना ज्यादा विस्फोटक है।
पोसाइडॉन पैदा करेगा रेडियोधर्मी सुनामी
इस खतरनाक हथियार का उद्देश्य तटीय शहरों में रेडियोधर्मी सुनामी पैदा करना है, जो इलाकों को वर्षों तक रहने लायक नहीं छोड़ेगा। पोसाइडॉन को नाटो द्वारा स्टेटस-6 कहा जाता है। यह 2018 में पुतिन द्वारा घोषित छह ‘सुपर हथियारों’ में से एक है। यह स्वायत्त जलमग्न वाहन है, जो पनडुब्बी ‘बेलगोरोड’ से लॉन्च होता है। इसकी रेंज 10,000 किमी से अधिक है, और यह महाद्वीपीय गहराई (1,000 मीटर से ज्यादा) में चल सकता है। पुतिन ने दावा किया कि इसका विनाशकारी प्रभाव सरमत (15,000 किमी रेंज, 10-15 वारहेड) से कहीं आगे है, क्योंकि यह पारंपरिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकता है।
यूक्रेन से युद्ध के बीच बनाया दूसरा सबसे खतरनाक हथियार
यह घोषणा यूक्रेन युद्ध के बीच आ रही है, जहां रूस अपनी सैन्य श्रेष्ठता का प्रदर्शन कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अमेरिका और नाटो के लिए चेतावनी है, जो रूस के ‘एक्सोटिक न्यूक्लियर वेपन्स’ से चिंतित हैं। इससे पहले रूस ने बीते हफ्ते बुरेवेस्टनिक नामक परमाणु संचालित क्रूज मिसाइल बनाई थी, जो दक्षिणी ध्रुव को पार कर संरक्षित ठिकानों पर हमला करने में सक्षम है।
रूस के परीक्षण से दुनिया में हड़कंप
रूस के इस परीक्षण से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस हथियार को लेकर गहरी चिंताएं जाहिर की हैं। वहीं परीक्षण के बाद राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, “यह परीक्षण रूस की तकनीकी श्रेष्ठता का प्रमाण है। कोई भी इसे रोक नहीं सकता। रूस ने 2023 में भी इसी ड्रोन के परीक्षण का दावा किया था, लेकिन यह पहली बार इतनी विस्तृत जानकारी दी गई। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता जताई है कि यह हथियार परमाणु अप्रसार संधि को चुनौती दे सकता है। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार ड्रोन जल्द ही तैनात होगा। यह विकास रूस की सैन्य रणनीति में समुद्री प्रभुत्व को मजबूत करेगा, लेकिन वैश्विक तनाव बढ़ा सकता है।


