अखंड भारत के बयान को लेकर एक बार फिर आरएसएस और शिवसेना आमने सामने हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि, आने वाले 15 वर्षों में देश एक बार फिर अखंड भारत बन जाएगा। भागवत के इस बयान पर संजय राउत ने तीखा पलटवार किया है।
नई दिल्ली। आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत के अखंड भारत के बयान से सियासत गर्मा गई है। आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने 15 साल में भारत के अखंड राष्ट्र बनने की कल्पना की है। लेकिन भागवत के इस बायन को लेकर अब शिवसेना ने तीखा पलटवार किया है। राज्यसभा सांसद और शिवसेना नेता संजय राउत ने मोहन भागवत के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, 15 साल का नहीं बल्कि 15 दिन का वादा कीजिए। RSS चीफ ने कहा कि जो तथाकथित लोग सनातन धर्म का विरोध करते हैं, उनका भी उसमें सहयोग है। अगर वह विरोध न करते तो हिंदू जागता ही नहीं, क्योंकि वह सोता ही रहता।
हरिद्वार प्रवास के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि, अगर भारत उठेगा तो धर्म के माध्यम से ही उठेगा। धर्म का प्रयोजन ही भारत का प्रयोजन है। धर्म के उत्थान से ही भारत का उत्थान होगा।
हाथों में डंडा लेकर करेंगे अहिंसा की बात
संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि, 15 वर्षों में भारत फिर से अखंड भारत बनेगा और यह सब हम अपनी आंखों से देखेंगे। यही नहीं उन्होंने कहा कि, ‘हम अहिंसा की ही बात कहेंगे, लेकिन हाथों में डंडा लेकर कहेंगे। हमारे में मन में कोई द्वेष, शत्रुता का भाव नहीं है, लेकिन दुनिया शक्ति को ही मानती है तो हम क्या करें।’
भारत के रास्ते में आएगा वो मिट जाएगा
RSS चीफ ने कहा कि, भारत लगातार प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ता जा रहा है। इसके रास्ते में जो कोई भी आएगा, वह मिट जाएगा। उन्होंने कहा कि वैसे तो संतों की ओर से ज्योतिष के अनुसार 20 से 25 साल में भारत फिर से अखंड भारत होगा ही. अगर हम सब मिलकर इस कार्य की गति बढ़ाएंगे तो 10 से 15 साल में भारत अखंड भारत बन जाएगा
क्या बोले संजय राउत?
भागवत के अखंड भारत वाले बयान को लेकर शिवसेना ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि, 15 साल का वादा मत कीजिए, 15 दिनों में इस काम को करने का वादा कीजिए। राउत ने कहा कि, इसके लिए सबसे पहले पीओके (POK)को जोड़ना होगा, पाकिस्तान को जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि किसी ने रोका नहीं है, लेकिन, 15 साल का वादा मत करिए।
शिवसेना नेता ने कहा कि, कश्मीरी पंडित भाइयों की घर वापसी सुरक्षित तरीके से होनी चाहिए है। अंखड राष्ट्र का सपना कौन नहीं देखता है, वीर सवारकर को भारत रत्न दीजिए।