प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक स्पेशल ऑडियो मैसेज जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि वह 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहे हैं।
नई दिल्ली. अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं। पीएम मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। वहीं, संघ परिवार इस कोशिश में लगा है कि समारोह के बाद भी लोगों में मंदिर के प्रति उत्साह कम न हो। संघ परिवार यह सुनिश्चित करने के लिए कि 22 जनवरी को होने वाले भव्य रामलला प्रतिष्ठा समारोह के बाद मंदिर का उत्साह कम न हो, देश भर के इन लोगों के लिए अयोध्या मंदिर का एक निर्देशित दौरा आयोजित करने के लिए तैयार है।
संघ यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है कि राम मंदिर के उद्घाटन के बाद भी 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों (UT) के एक लाख से अधिक लोग राम मंदिर के दर्शन के लिए 27 जनवरी से 22 फरवरी के बीच उत्तर प्रदेश के अयोध्या पहुंचने के लिए 44 विशेष ट्रेनों में सवार हों। संघ के सूत्रों ने कहा कि एक लाख तीर्थयात्रियों में वे लोग शामिल होंगे जिन्होंने सालों से विभिन्न तरीकों से मंदिर निर्माण में योगदान दिया है, जिसमें अयोध्या राम जन्मभूमि अभियान में भाग लेने से लेकर मंदिर के लिए वित्तीय दान देना शामिल है।
मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले लोगों के प्रति VHP की ज़िम्मेदारी
विहिप अध्यक्ष आलोक कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “VHP की यह जिम्मेदारी उन लोगों और उनके परिवारों के प्रति है जिन्होंने मंदिर निर्माण में बलिदान दिया है या कोई योगदान दिया है। इनमें कारसेवक शामिल हैं, जो रथयात्रा का हिस्सा थे, वे लोग जिन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में आंदोलन के समर्थन में समारोह आयोजित किए। साथ ही वो लोग जिन्होंने राम मंदिर निधि (निर्माण के लिए दान संग्रह अभियान के दौरान) में महत्वपूर्ण वित्तीय योगदान दिया।”
क्या है VHP का प्लान?
इसके लिए विहिप ने पहले ही देशभर में अपने कार्यकर्ताओं को तैनात कर दिया है, जिन्हें ऐसे आमंत्रित लोगों की पहचान करने और उनकी अयोध्या यात्रा की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। VHP अध्यक्ष ने बताया, “पूरे देश को 45 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है और प्रत्येक क्षेत्र में लगभग 1,500 से 2,500 तीर्थयात्रियों का कोटा है जो यात्रा करेंगे। रेल मंत्रालय से 27 जनवरी से 22 फरवरी के बीच इस उद्देश्य के लिए 44 विशेष ट्रेनें चलाने का अनुरोध किया गया है। तीर्थयात्रियों के आने पर, उनके आवास, भोजन और दर्शन की व्यवस्था हमारी ओर से की जाएगी।”