शाहजहांपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाहजहांपुर पहुंच चुके हैं। पीएम ने मंच पर पहुंच कर दोनों हाथ हिलाकर जनता का अभिवादन किया। मंच पर आने से पहले पीएम ने गंगा एक्सप्रेस-वे के प्रोजेक्ट को देखा। पीएम यहां पर 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे की नींव रखी। पीएम ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इतने बड़े यूपी को चलाने के लिए जिस दमखम और दमदारी की जरूरत है। उसे ये डबल इंजन सरकार पूरी कर रही है। इतने बड़े यूपी को चलाने के लिए जिस दमखम की जरूरत है, जिस दमदारी की जरूरत है। उसे ये डबल इंजन सरकार पूरी कर रही है। गंगा एक्सप्रेस वे यूपी के प्रगति के द्वार खोलेगा।
मोदी ने कहा कि पहले बेटियों की सुरक्षा पर आए दिन सवाल उठते रहते थे, उनका स्कूल कॉलेज जाना तक मुश्किल कर दिया था। कब कहां दंगा और आगजनी हो जाये कोई नहीं कह सकता था। लेकिन बीते साढ़े 4 साल में योगी जी की सरकार ने स्थिति को सुधारने के लिए बहुत परिश्रम किया है। हालात बदल गए हैं।
पीएम को देखने के लिए जनता में भारी उत्साह दिखा। पीएम के साथ सीएम योगी भी मंच पर मौजूद हैं। मंच पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, मंत्री जितिन प्रसाद, मंत्री सुरेश खन्ना, संतोष गंगवार और प्रभारी मंत्री कपिल देव गंगावर मौजूद हैं।
- हमारे यहां कुछ राजनीतिक दल ऐसे रहे हैं, जिन्हें देश के विकास से दिक्कत है। इन्हें अपनी वोट बैंक की चिंता ज्यादा सताती है। इन्हें काशी के विकास से दिक्कत है। अयोध्या के विकास से दिक्कत है। गंगा की सफाई से दिक्कत है।
सरकार बनने से पहले पश्चिम यूपी की कानून व्यवस्था बहुत खराब थी। पश्चिम यूपी में सूरज डूबते ही कट्टा लहराने वाले सड़क पर नजर आते थे। - पहले बेटियों की सुरक्षा पर आए दिन सवाल खड़े होते थे। व्यापारियों की चिंता उसके परिवार को रहती थी। कब कहां दंगा हो जाए, कहां आग लग जाए कुछ पता नहीं होता था। लेकिन आज ऐसा नहीं है।
- हाल ही में हमारी सरकार ने 2 लाख करोड़ रुपए गरीबों के पक्के घर बनाने के लिए स्वीकृत किए हैं। आज गरीब का दर्द समझने वाली, गरीब का साथ देने वाली सरकार बनी है। विकास का ऐसा ही काम गरीब, दलित, पिछड़े का जीवन बदलता है।
- काकोरी से क्रांति की अलख जगाने वाले राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खान को मैं नमन करता हूं। मुझे इस मिट्टी को माथे पर लगाने का सौभाग्य मिला है।
- साथियों सहयोग से कल ही पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक और रोशन का बलिदान दिवस है। उन्हें 19 दिसंबर को फांसी की सजा दी गई थी। उनका हमारे ऊपर बहुत बड़ा कर्ज है।
- आज उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े एक्सप्रेस वे पर काम शुरू हो रहा है। राम चरित मानस में कहा गया है कि मां गंगा सारे मंगलों की, सारी प्रगति का सुख देती है। और सामाजिक पीड़ा हर लेती है।
- गंगा एक्सप्रेस वे यूपी के प्रगति का द्वार खोलेगा।
- डबल इंजन की सरकार में यूपी की ताकत बढ़ रही है।
- 21वीं सदी में हाई स्पीड की कनेक्टिविटी बहुत जरूरी है। इस एक्सप्रेस-वे से एयरपोर्ट को जोड़ा जाएगा, मेट्रो को जोड़ा जाएगा।
- हम सबका साथ, सबके विकास के लिए यूपी में जी जान से जुटे हुए हैं।
पहले ऐसी परियोजनाएं कागज पर शुरू होती थीं, ताकि वो लोग अपनी तिजोरी भर सकें।
हमारी सरकार दिन रात गरीबों के लिए काम करती है। मेरी सरकार ने 30 लाख गरीबों को मकान दिया है। - 36 हजार करोड़ की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेस-वे पश्चिमी यूपी को पूर्वांचल से जोड़ेगा। मेरठ से 12 जिलों से होता हुआ प्रयागराज में खत्म होगा। इसके जरिए मेरठ से प्रयागराज तक की जो दूरी 8-9 घंटे में पूरी होती है वह साढ़े 6 घंटे में पूरी हो जाएगी।
गंगा एक्सप्रेस-वे के सियासी मायने भी
- यह एक्सप्रेस-वे 12 जिलों की 76 विधानसभा सीटों पर असर डालेगा। इन 76 सीटों में से 55 पर भाजपा का कब्जा है। जबकि 9 पर सपा और 4 सीटें बसपा के पास हैं। 3 कांग्रेस और 5 अन्य के पास हैं।
- किसान आंदोलन के चलते पश्चिमी यूपी में भाजपा बैकफुट पर है। तीनों कृषि कानून वापस लेकर केंद्र सरकार ने सियासी समीकरण को साधने की कोशिश जरूर की है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इसके बाद भी पश्चिमी यूपी की 136 सीटों में से 60 से ज्यादा सीटों पर असर पड़ेगा।
- पश्चिमी यूपी को साधने के साथ इस हाईवे से पूर्वांचल को भी भाजपा साध रही है। योगी के आने के बाद से पूर्वांचल में सड़कों का जाल बिछ रहा है। जिसमें गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, प्रयागराज लिंक एक्सप्रेस-वे और गंगा एक्सप्रेस-वे हैं। भले ही बाकियों का काम पूरा नहीं हुआ है, लेकिन योगी लौटे तो संभावना है कि यह काम पूरा होगा। ऐसे में भाजपा को फायदा मिल सकता है।
पश्चिम यूपी से पूर्वांचल और दिल्ली से बिहार का सफर होगा आसान
पश्चिमी यूपी में रहने वाले लोगों के लिए पूर्वांचल का सफर आसान होगा। इसके अलावा नोएडा और दिल्ली जैसे शहरों में भी पूर्वांचल के लोग रहते हैं। जिन्हें अब कम समय में अपने घर पहुंचने में सहूलियत होगी।
एक्सप्रेस-वे की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के मुताबिक, मेरठ-बुलंदशहर मार्ग (NH-334) पर मेरठ के बिजौली गांव से एक्सप्रेस-वे शुरू होगा। प्रयागराज बाईपास (NH-19) पर प्रयागराज के जुडापुर दांदू गांव के पास समाप्त होगा। दिल्ली से बिहार तक का सफर करीब 11 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। इसके लिए करीब 7386 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है। अब तक 82,750 किसानों से 94 प्रतिशत भूमि की खरीद हुई है।