देश भर में अलग अलग जगहों पर होलीे के मौके पर कुछ ना कुछ परंपराएं व संस्कृति है जो आज भी जीवित है। होली के ये आयोजन होली को यादगार बना देते हैं। अलवर में भी होली के अवसर पर खासतौर से सेठ सेठानी का नानकशाही स्वांग निकाला जाता है। स्वांग निकालने की परंपरा राजशाही समय से चली आ रही हैं। पहल सेवा संस्था की ओर से होली से पहले यह स्वांग निकाला जाता है। जिसमें होली की मौज मस्ती के साथ साथ सामाजिक संदेश भी दिया जाता है। सेठ सेठानी के स्वांग में एक मुनीम अपनी सुंदर सेठानी को ऊंट पर बैठाकर उगाही करने निकलता है और इसी दौरान एक फकीर सेठानी पर मोहित हो जाता है। सेठ और फकीर के डायलॉग ही इस स्वांग का मुख्य आकर्षण होते हैं। शहर के काशीराम चौराहै से मंत्री संजय शर्मा में स्वांग को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना पूरे शहर भर में यह स्वांग निकाला जाएगा जिसका लोगों को साल भर इंतजार रहता है।
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