नागौर@जागरूक जनता । प्रदेश में प्रशासनिक तबका किस तरह भ्र्ष्टाचार में लिप्त है इसके किस्से आए दिन न्यूजपेपर ओर अखबारों में सुर्खियों में बने रहते है इन सबके बावजूद इन पर कोई ठोस कार्रवाई नही होती है । इसका परिणाम यह है कि इनके हौसले इतने बुलन्द हो गए है कि ये बिना ख़ौफ अपनी तिजोरियां भरने में लगे हुए है । इसकी बानगी आज नागौर में सरेराह देखने को मिली, जंहा परिवहन विभाग का एक अधिकारी मात्र पचास रुपये के लिए सड़क पर चलने वाले पब्लिक ट्रांसपोर्टरों को किस तरह परेशान करता था, और जब हिम्मत करके एक ट्रक ड्राइवर ने उसके रिश्वत की करतूत को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद किया तो वह इस तरह तिलमिला उठा कि उसने आव देखा ना ताव और उस ट्रक ड्राइवर के पीछे भागा । ट्रक ड्राइवर का आरोप है कि आरटीओ के सब इंस्पेक्टर ने उसके साथ मारपीट की और उसके द्वारा रिकॉर्ड की गई रिश्वत की वीडियो को डिलीट कर दिया । लेकिन ड्राइवर ने हिम्मत दिखाई और मोबाइल टेक्नीशियन के पास जाकर डिलीट वीडियो को रिसाइकिलबिन से मोबाइल में वापिस रिस्टोर करवा लिया । बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो में कथित सबइंस्पेक्टर रामनारायण भादू है जो इस रिश्वत के इस खेल को सरेराह अंजाम दे रहा था । बता दे, इस वायरल वीडियो के साथ साथ एक ऑडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है जिसमे ये सब इंस्पेक्टर बड़ी बेशर्मी के साथ अपनी इस करतूत को स्वीकार कर रहा है,और पीड़ित से वीडियो वायरल ना करने की भीख भी मांग रहा है । इस ऑडियो में यह भी सामने आया है कि इस रिश्वत खोर सब इंस्पेक्टर की ड्यूटी ऑक्सीजन प्रबंधन में लगी हुई है ऐसे में बड़ा सवाल है कि हो ना हो यह मरीजों की सांसों के साथ भी सौदा कर रहा होगा इस घटना के बाद कोई संशय नही रह जाता कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी अपने पद और समाज मे रहने लायक कतई नही है । वंही सवाल जिम्मेदारों से भी है ऐसे भृष्ट अधिकारियों पर कार्रवाइंया कब होगी ???
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