साल 2021 का ग्याहरवां महीना यानी नवंबर शुरु होने वाला है। हिंदू पंचांग के अनुसार, अब नवंबर 2021 में धनतेरस,दिवाली,छठ पूजा,देवुत्थान एकादशी,कार्तिक पूर्णिमा और उत्पन्ना एकादशी जैसे कई व्रत और त्योहार आएंगे।
दरअसल यदि अक्टूबर 2021 के चंद त्यौहार छोड़ दिए जाएं तो पिछले साल 2020 से अब तक आए त्यौहारों की रौनक में कोरोना का ग्रहण साफ तौर से दिखा, ऐसे में अब जहां कोरोना काफी हद तक सीमित दिख रहा है तो ऐसे में वर्ष 2021 के नवंबर को लेकर लोगों में कई उम्मीदें हैं। ऐसा माना जा रहा है कि नए महीने त्यौहारों काफी धूमधाम के साथ मनाए जाएंगे।
- रमा एकादशी: सोमवार, 1 नवंबर 2021
नवंबर 2021 की शुरुआत ही रमा एकादशी से हो रहीे है। दरअसल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और मां तुलसी की पूजा की जाती है। - धनतेरस : मंगलवार, 2 नवंबर 2021
हिंदू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक दीपावली का शुभारंभ इसी दिन से होगा। पांच दिन तक चलने वाले दीपावली का पहला पर्व धनतेरस के रूप में इसी दिन मनाया जााएगा। इस दिन मां लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा किए जाने के साथ ही लोग नई वस्तुएं खरीदते हैं। धनतेरस के साथ इस बार इस दिन भौम प्रदोष का व्रत भी रहेगा।
धनतेरस 2021 तिथि और शुभ मुहूर्त…
धनतेरस 2021- 02 नवंबर, मंगलवार
धनतेरस मुहूर्त – 06:18 PM से लेकर 08: 11 PM तक
शुभ खरीदारी की अवधि : 01 घंटे 52 मिनट तक
प्रदोष काल : 05:35 PM से 08:11 PM तक
वृषभ काल : 06:18 PM से 08:14 PMतक
- दिवाली : बृहस्पतिवार, 4 नवंबर 2021
दीपावली का प्रमुख पर्व दिवाली नवंबर के चौथे दिन यानि 4 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन माता लक्ष्मी व श्री गणेश की पूजा की जाएगी। इस दिन कार्तिक मास की अमावस्या तिथि रहेगी। मान्यता के अनुसार त्रेतायुग में इस दिन भगवान श्रीराम 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटे थे और उनके वापस आने की खुशी में अयोध्या के लोगों ने दीपक जला कर उनका स्वागत किया था।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त : शाम 06:10:27 से 08:06:17 तक
अवधि : 1 घंटे 55 मिनट
प्रदोष काल : शाम 05:34 बजे से 08:10 बजे तक
वृषभ काल : शाम 06:10 बजे से 08:06 बजे तक
दिवाली महानिशीथ काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त : रात 11:39 बजे से रात 12:31 बजे तक
महानिशीथ काल : रात 11:38:51 से रात 12:30:57 तक
सिंह काल : रात 12:42:01 से रात 02:59:43 तक
दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
प्रातःकाल मुहूर्त्त (शुभ) : 06:34:57 से 07:57:20 तक
प्रातःकाल मुहूर्त्त (चल, लाभ, अमृत) : 10:42:09 से 14:49:21 तक
सायंकाल मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल): शाम 04:11:45 से रात 08:49:32 तक
रात्रि मुहूर्त्त (लाभ): रात 12:04:55 से रात 01:42:37 तक
- देवोत्थान एकादशी : रविवार, 14 नवंबर 2021
चातुर्मास में भगवान विष्णु के आराम के पश्चात कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथिक को भगवान विष्णु का शयन काल समाप्त होता है। जिसे देव प्रबोधिनी एकादशी और देवोत्थान एकादशी कहते हैं। ऐसे में भगवान विष्णु का शयन काल समाप्त होते ही शुभ और मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं। वहीं इस दिन तुलसी विवाह का भी आयोजन किया जाता है, इस दिन तुलसी की भगवान विष्णु के ही एक रूप शालिग्राम से शादी की जाती है।
देव उठानी एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि की शुरुआत- 14 नवम्बर, 2021 को 05:48 AM से
एकादशी तिथि का समापन- 15 नवम्बर, 2021 को 06:39 AM तक
- कार्तिक पूर्णिमा व्रत: शुक्रवार, 19 नवंबर 2021
हिन्दू धर्म में कार्तिक मास को बेहद पवित्र महीना माना गया है। चातुर्मास का यह आखिरी महीना होने के साथ ही इसी माह तुलसी का रोपण और विवाह सर्वोत्तम माना जाता है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ये माह सबसे अनुकूल माना गया है। मान्यता के अनुसार इस माह में श्रद्धापूर्वक व विधि अनुसार मां लक्ष्मी और नारायण की पूजा करने से जातकों को धन की कभी कमी नहीं होती।
शुभ मुहूर्त:
पूर्णिमा आरम्भ: 18 नवंबर 2021 को 12:02:52 से
पूर्णिमा समाप्त: 19 नवंबर 2021 को 14:29:35 तक
- उत्पन्ना एकादशी : मंगलवार : 30 नवंबर 2021
उत्पन्ना एकादशी पर्व को मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु की शक्तियों में से एक देवी एकादशी से जुड़ा है। जो भगवान विष्णु का हिस्सा थी और राक्षस मुर को मारने के लिए उनसे पैदा हुई थी जब उसने शयन के समय भगवान विष्णु पर हमला करने और मारने की कोशिश की थी। इस दिन को मां एकादशी की उत्पत्ति और मूर के विनाश के रूप में याद किया जाता है। हर वर्ष आने वाले इस उत्सव पर नारायण जी का पूजन किया जाता है।
शुभ समय :
साल 2021 में उत्पन्ना एकादशी 30 नवबंर को है।
एकादशी की तिथि का प्रारंभ: मंगलवार,30 नवंबर 2021 को सुबह 04:13 बजे से
एकादशी की तिथि का समापन: बुधवार, 1 दिसंबर 2021 02:13 AM तक
पारण मुहूर्त एक दिसंबर को बुधवार की सुबह 7ः34 से 9ः02 बजे तक रहेगा। यानि व्रत पारण मुहूर्त की अवधि 1 घंटा 28 मिनट की रहेगी।
नवंबर 2021 : त्यौहार
- 01 सोमवार : रमा एकादशी
- 02 मंगलवार : धनतेरस , प्रदोष व्रत (कृष्ण)
- 03 बुधवार : मासिक शिवरात्रि
- 04 गुरुवार : दिवाली , कार्तिक अमावस्या , नरक चतुर्दशी
- 05 शुक्रवार : गोवर्धन पूजा
- 06 शनिवार : भाई दूज
- 10 बुधवार : छठ पूजा
- 14 रविवार : देवोत्थान एकादशी
- 16 मंगलवार : प्रदोष व्रत (शुक्ल) , वृश्चिक संक्रांति
- 19 शुक्रवार : कार्तिक पूर्णिमा व्रत
- 23 मंगलवार : संकष्टी चतुर्थी
- 30 मंगलवार : उत्पन्ना एकादशी
-ज्योतिषाचार्य अक्षय शास्त्री जयपुर