13 साल बाद परिवार से मिला गुमशुदा बालक, वीडियो कॉलिंग से की पहचान
बीकानेर@जागरूक जनता। पांच वर्ष की आयु से अपने परिवार से लापता हुआ एक बालक का आखिरकार शुक्रवार को अपने परिवार से मिलाप हो ही गया। जिसे पाकर परिवार वालों के आंसू छलक पड़े। राजकीय संक्षेप्रण एवं किशोर गृह के अधीक्षक डॉ अरविन्द आचार्य ने बताया कि किशोर गृह में आवासित देखभाल एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक दीपक को बालिग होने पर उसके परिवारजनों को मसानजौर(झारखंड)सुपुर्द किया गया। आचार्य ने बताया कि दीपक 5 वर्ष की आयु से अपने घर से लापता था। जिसे 2 वर्ष पहले बीकानेर चाइल्डलाईन के जरिये बाल कल्याण समिति के आदेश पर किशोर गृह में प्रवेश दिया गया। इस दौरान बालक की नियमित काउसलिंग संस्था के परामर्शदाताओं मोनिका खतूरिया व प्रवेश आचार्य द्वारा की गई। अंतत: 6 मई को मसानजौर के थानाधिकारी चन्द्रशेखर चौबे से इस संदर्भ में संपर्क किया। उनके द्वारा बालक की फोटो एवं अन्य पहचान पत्र के आधार पर मसानजौर में फील्ड सर्वे कर बालक के परिजनों का पता लगाया गया और विडियो कॉलिंग के जरिए बालक के नाना व मामा से पहचान करवाई गई। बालक को 19 मई को किशोर गृह से पुलिस लाइन के गार्ड नरेन्द्र सिंह एवं टीम द्वारा मसानजौर ले जाकर थानाधिकारी जरिए चाईल्डलाइन दुमका के सहयोग से परिवार के सुपुर्द किया गया। आचार्य ने बताया कि इस पुनीत कार्य में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष किरण सिंह तंवर,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह,सहायक निदेशक कविता स्वामी,परिवीक्षा अधिकारी राजेश चौधरी के प्रयास सराहनीय रहे।
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