बीकानेर@जागरूक जनता। कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग राजस्थान सरकार एवं शांति और अहिंसा निदेशालय, जयपुर के तत्वावधान में नोडल महाविद्यालय राजकीय डुंगर महाविद्यालय द्वारा आज़ादी के 75 वें वर्ष के कार्यक्रमों की श्रृंखला में श्री भगत सिंह, श्री राजगुरु एवं श्री सुखदेव की पुण्यतिथि पर जिला स्तरीय सेमिनार का आयोजन बुधवार को किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व प्राचार्य डॉ उमाकांत गुप्त रहे। कार्यक्रम में सर्वप्रथम डॉ नरेंद्र नाथ ने अपने भाषण से की। उन्होंने शहीद दिवस के इतिहास एवं महत्व के बारे में जानकारी दी तथा क्रांतिकारी एवं आतंकवादी में अंतर को समझाया और बताया कि किस तरह भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव क्रांतिकारी थे। उमाकांत जी गुप्त का स्वागत डॉ. पुष्पेंद्र सिंह शेखावत, नरेंद्र नाथ एवं सुचित्रा कश्यप द्वारा किया गया। डॉ. उमाकांत गुप्त ने भगत सिंह के बचपन की कहानियाँ बताते हुए भगत सिंह के जीवन की ऐसी घटनाओं के बारे में बताया जिन्होंने भगत सिंह को आंदोलित किया। भूगोल के विभागाध्यक्ष डॉ पुष्पेंद्र सिंह शेखावत ने अपने भाषण में शहीद दिवस पर छात्रों को प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ विपिन सैनी ने किया। छात्रों की तरफ़ से विशाल सहारन ने क्रांतिकारी विचार सब के समक्ष रखे। विशाल सहारन ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में किस तरह से छात्र ख़ुद को क्रांतिकारी बन सकते है, चाहे वो इस देश की सेवा करना हो या नशा-मुक्ति का हिस्सा बनना हो। डॉ विपिन सैनी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में अन्य संकाय सदस्यों एवं समिति सदस्यों में डॉ सुचित्रा कश्यप, डॉ भगवाना राम गोदारा, डॉ घनश्याम बीठू एवं डॉ शशिकान्त आचार्य उपस्थित रहे।