देश को आजादी मिले कई साल बीते, लेकिन आज भी नागरिक की स्वतंत्रता पर सवाल- पढ़िए अमिताभ ने ऐसा क्यों कहा

नई दिल्ली। अमिताभ बच्चन गुरुवार को पश्चिम बंगाल में 28वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (KIFF) के उद्घाटन में शामिल हुए थे। बॉलीवुड फिल्म पठान पर जारी विवाद के बीच सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के एक बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। कोलकाता फिल्म फेस्टिवल में गुरुवार (15 दिसंबर) को दिए उनके बयान पर विवाद शुरू हो गया है। अमिताभ ने कहा था कि देश को आजादी मिले कई साल बीत चुके हैं, लेकिन आज भी नागरिक की स्वतंत्रता और फ्रीडम ऑफ स्पीच पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

कार्यक्रम में मौजूद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अमिताभ की बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अमिताभ ऐसी बात कह गए, जो कोई नहीं कह सकता। इधर, भाजपा IT सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा है कि अमिताभ के शब्द बंगाल से ज्यादा सटीक किसी और जगह के लिए नहीं हो सकते, क्योंकि उन्होंने फ्रीडम की बात ऐसी जगह कही है, जहां चुनाव के बाद सबसे ज्यादा खूनखराबा और हिंसा हुई थी।

अमिताभ ने कहा था- दर्शकों को हल्के में नहीं ले सकते
अमिताभ ने कहा कि हम दर्शकों को हल्के में नहीं ले सकते। दर्शकों के पास हर तरह का कंटेंट होता है। वे इसे कहां देखना चाहते हैं, यह उनकी मर्जी है। अमिताभ ने ये बात उस समय कही, जब शाहरुख खान की फिल्म पठान को लेकर विवाद चल रहा है।

ममता बोलीं- अमिताभ बच्चन को भारत रत्न दिया जाए
कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के 28वें एडिशन के इनॉगरेशन के मौके पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पहुंची थीं। ममता ने अमिताभ बच्चन को भारत रत्न देने की मांग की है। उन्होंने कहा- भारतीय सिनेमा में अमिताभ के लंबे योगदान के लिए बंगाल उन्हें भारत रत्न देने की मांग करेगा।

बंगाल कभी झुकता नहीं, कभी भीख नहीं मांगता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इशारों-इशारों में भाजपा पर निशाना भी साधा। ममता बोलीं- बंगाल मानवता, एकता, विविधता और एकीकरण के लिए लड़ता है। बंगाल न तो सिर झुकाता है और न ही भीख मांगता है। मानवता के लिए अनेकता में एकता के लिए बंगाल हमेशा साहस के साथ लड़ता है। यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। बंगाल कभी झुकता नहीं, कभी भीख नहीं मांगता, हमेशा सिर ऊंचा रखता है।

महेश भट्‌ट बोले- पश्चिमी विचार खारिज नहीं कर सकते
कार्यक्रम में महेश भट्‌ट ने कहा- आज के राजनीतिक वातावरण में भारत के बच्चे पश्चिमी विचारों को खारिज करने की कोशिश करते हैं। टैगोर के ये शब्द सभी भारतीयों के दिलों में गूंजने चाहिए कि भारत सभी जातियों को एकजुट करने के लिए है। किसी जाति, किसी संस्कृति को अस्वीकार करना भारत की भावना नहीं है। हमारा सर्वोच्च उद्देश्य होना चाहिए कि हम सभी चीजों को सहानुभूति और प्रेम के साथ समझें। यही भारत की भावना है।

शाहरुख बोले- दुनिया कुछ भी कर ले, पॉजिटिव लोग जिंदा हैं
इधर, पठान कॉन्ट्रोवर्सी पर अभिनेता शाहरुख खान ने भी चुप्पी तोड़ी है। फिल्म पर विवाद के बीच उन्होंने पहला सार्वजनिक बयान दिया। शाहरुख ने गुरुवार को कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इशारों-इशारों में कहा- दुनिया चाहे कुछ भी कर ले। मैं और आप जितने भी पॉजिटिव लोग हैं… सब जिंदा हैं! शाहरुख का इशारा सोशल मीडिया पर फिल्म को ट्रोल करने वालों की तरफ था।

शाहरुख ने कहा- आज के वक्त में सोशल मीडिया द्वारा एक कलेक्टिव नैरेटिव दिया जाता है। मैंने कहीं पढ़ा था, निगेटिविटी सोशल मीडिया का यूज बढ़ाती है। इससे कॉमर्शियल वैल्यू भी बढ़ती है। इस तरह की कहानियां हमें भटकाने और बांटने का काम करती हैं। शाहरुख ने कहा- चाहे कुछ भी हो, हमें पॉजिटिव रहना है। नकारात्मक सोच से दूर रहना है।

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