बीकानेर में झंवर की एंट्री ने फिर से सारे समीकरण बदल डाले, कल्ला,मिड्ढा रेस में पिछड़े, गहलोत फिर से हुए काबिज

-नारायण उपाध्याय
बीकानेर@जागरूक जनता। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद राजनीतिक नियुक्तियों का बिगुल बज चुका है । इसके लिए समीकरण बनने शुरू हो गए है । जिसमे किस चेहरे को कौन सा ओहदा देना है इस पर कांग्रेस आलाकमान ने काम शुरू कर दिया है जिसका रुझान बुधवार को जिलाध्यक्षों की आई लिस्ट में देखने को मिला । जंहा करीब दर्जन भर जिलों में जिलाध्यक्षों की घोषणा की गई । कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसकी सूची बुधवार को जारी की । जिसमे बीकानेर से कांग्रेस के वर्तमान जिलाध्यक्ष व यूआईटी चैयरमैन की दौड़ में अग्रिम पंक्ति में चल रहे यशपाल गहलोत को एक बार फिर से जिलाध्यक्ष नियुक्त कर राजनीतिक समीकरणों को उलटकर रख दिया है । इस नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा जब यशपाल गहलोत के समर्थकों को मिली तो कंही खुशी कंही गम देखने को मिला ।

वंही यूआईटी चेयरमैन कुर्सी की दौड़ में दूसरे नम्बर के रेसर बीकानेर ईस्ट से कांग्रेस प्रत्याशी व नोखा के पूर्व विधायक कन्हैयालाल झंवर का नाम इस दौड़ में सबसे आगे चल पड़ा है । बता दे, विधानसभा चुनाव में भी यशपाल गहलोत के साथ कुछ ऐसा ही हुआ था जिसमे यशपाल गहलोत को उम्मीदवारी से हटाकर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कन्हैयालाल झंवर को टिकट दिया था। यह बात अलग है कि झंवर का जादू नोखा तक ही सीमित था और वे सिद्धि बाईसा से चुनाव हार गए । अब इसे यशपाल गहलोत की कुंडली मे झंवर बंधुओं का दबदबा कहे या नियति लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने यशपाल गहलोत को जिलाध्यक्ष बनाकर झंवर की यूआईटी अध्यक्ष बनने की राह को आसान जरूर बना दिया है ।

वंही दूसरी तरफ कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनने की चाह में बैठे अनिल कल्ला, अरविंद मिड्ढा, हाजी मकसूद अहमद सहित अन्य कांग्रेसी नेताओं के खेमे में सन्नाटा पसरा हुआ है । अनिल कल्ला ने तो अपनी दावेदारी कई बार कांग्रेस के बड़े नेताओं के समक्ष प्रस्तुत की थी । वंही कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा के बीकानेर दौरे के दौरान अनिल कल्ला ने अपने कार्यकर्ताओं के भारी भरकम लवाजमे के साथ जिलाध्यक्ष बनने के लिए शक्ति प्रदर्शन किया था । मंत्री डॉ बी डी कल्ला भी कई बार अपने भतीजे अनिल कल्ला का नाम जिलाध्यक्ष के लिए आगे बढ़ा चुके । इस रेस में अरविंद मिड्ढा भी गुपचुप मीटिंगे कर अपना नाम जिलाध्यक्ष की दौड़ में प्रस्तुत कर रहे थे इस सम्बंध में कई दफा वे अपने खत्री समाज के प्रतिनिधियों के साथ जयपुर का दौरा कर कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात कर चुके थे । लेकिन कन्हैयालाल झंवर की एंट्री ने इन सभी नेताओं के समीकरणों पर पानी फेर दिया । ऐसे में अब देखना यह होगा कि आने वाले समय मे झंवर का समीकरण कितना सटीक बैठेगा यह तो वक्त पर पता चलेगा, लेकिन बुधवार को राजनीतिक गलियारों में कन्हैयालाल झंवर और यशपाल गहलोत की चर्चाओं का बाजार जबरदस्त गर्म रहा।

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