जयपुर। सचिन पायलट खेमे के असंतुष्ट विधायक हेमाराम चौधरी की नाराजगी अब भी बरकरार है। हेमाराम 8 मई को दिए गए इस्तीफे पर अब भी अड़े हुए हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कुछ नेताओं के समझाने के बावजूद हेमाराम अब तक नहीं माने हैं। लॉकडाउन हटते ही स्पीकर सीपी जोशी के सामने पेश होकर इस्तीफा स्वीकार करने की मांग करेंगे।
हेमाराम शुक्रवार को बाड़मेर में कोविड अस्पताल के मुख्यमंत्री के वर्चुअल उद्घाटन समारोह में भी नहीं गए थे। इस वर्चुअल कार्यक्रम में हेमाराम चौधरी को छोड़ बाड़मेर जिले के सभी विधायक जुड़े थे। हेमाराम का कल के मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से दूरी बनाना भी उनकी नाराजगी से ही जोड़कर देखा जा रहा है।
हेमाराम चौधरी ने अब बयानबाजी बंद कर दी है और अपनी नाराजगी से जुड़े मुद्दों पर भी कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। हेमाराम ने भास्कर से केवल इतना ही कहा, मैं अपने स्टैंड पर कायम हूं। लॉकडाउन खुलते ही विधानसभा अध्यक्ष से समय मांगा जाएगा। समय मिलते ही उनके सामने पेश होकर इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह करुंगा।
18 मई को इस्तीफा, 24 मई को विधानसभा सचिवालय ने स्पीकर के सामने पेश होने की चिट्ठी भेजी
हेमाराम चौधरी ने 18 मई को विधानसभा स्पीकर को डाक और ई मेल से इस्तीफा भेजा था। उनके इस्तीफा देते ही कांग्रेस में हलचल मची। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने उनसे फोन पर बात की और उनके मुद्दे सुलझाने का भरोसा दिलाया था। हेमाराम चौधरी के इस्तीफा देने के सप्ताह भर बाद 24 मई को विधानसभा सचिवालय ने हेमाराम चौधरी को पत्र भेजा, जिसमें लॉकउाउन खुलने के सात दिन के भीतर पहले समय लेकर स्पीकर के सामने पेश होने को कहा था।
तेल कंपनी के खिलाफ धरना दिया
हेमाराम ने सीएसआर का पैसा खर्च नहीं करने के मुद्दे पर तेल कंपनी के खिलाफ तीन दिन धरना भी दिया था। बाद में कंपनी ने हेमाराम की मांगों को मानने का लिखित आश्वासन दिया, जिसके बाद धरना खत्म कर दिया गया।
माकन ने कहा था, परिवार का मसला है मिलकर सुलझा लेंगे
प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा था- जहां तक राजस्थान की बात है, वहां पर हमारे स्टेट यूनिट और स्टेट के लीडर्स सब के सब संपर्क में हैं। मैं नहीं समझता कि किसी भी किस्म की कोई दिक्कत है। एक परिवार का मसला है और हम सब राजस्थान में ही बैठकर इसको सुलझा लेंगे।
मंत्री हरीश चौधरी के साथ दौरा करने को नाराजगी दूर होने से जोड़ने से देखा गया
हेमाराम चौधरी ने पिछले दिनों राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के साथ क्षेत्र में कोविड अस्पतालों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। तब यह माना गया कि हेमाराम चौधरी की नाराजगी दूर हो गई है। पर ऐसा कुछ हुआ नहीं है।
माकन-डोटासरा का डेमेज कंट्रोल काम नहीं आया
प्रदेश प्रभारी अजय माकन के निर्देशों के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने हेमाराम चौधरी को फोन कर उनसे इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया था। डोटासरा और माकन दोनों ने घर में ही मामला सुलझाने का दावा किया था। अब एक बार फिर यह मामला गरमाता हुआ दिख रहा है। हेमाराम चौधरी ने इस्तीफे पर अडिग रहने की बात कहकर आने वाले दिनों में फिर से हलचल के संकेत दे दिए हैं।
हेमाराम इस्तीफे पर अड़े रहे तो स्पीकर को मंजूर करना होगा
हेमाराम चौधरी ने 18 मई को डाक और ई मेल से इस्तीफा भेजा था। विधानसभा स्पीकर ने हेमाराम को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है। अगर हेमाराम चौधरी लॉकडाउन खत्म होने के बाद अध्यक्ष के सामने पेश होकर इस्तीफा देने की बात दोहराते हैं तो अध्यक्ष को इस्तीफा स्वीकार करना होगा। प्रदेश में 8 जून तक लॉकडाउन है। आठ जून के बाद प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले में आवागमन खुल जाएगा। 9 जून से लॉकडाउन खुलने की कट ऑफ डेट मानी जाए तो 15 जून तक हेमाराम को स्पीकर के सामने पेश होना है।