भाजपा के वरिष्ठ विधायक नरपत सिंह राजवी ने विधायक आवासों के आवंटन में भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने विधानसभाध्यक्ष सीपी जोशी को पत्र लिखकर शिकायत की है कि वरिष्ठता में नंबर एक होने के बाद भी कनिष्ठ विधायकों को उनके मनपसंद आवासों का आवंटन कर दिया गया
जयपुर। भाजपा के वरिष्ठ विधायक नरपत सिंह राजवी ने विधायक आवासों के आवंटन में भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने विधानसभाध्यक्ष सीपी जोशी को पत्र लिखकर शिकायत की है कि वरिष्ठता में नंबर एक होने के बाद भी कनिष्ठ विधायकों को उनके मनपसंद आवासों का आवंटन कर दिया गया। राजवी ने जोशी से मांग की है कि उनकी वरिष्ठता के आधार पर सिविल लाइंस में बंगला नं. 14 आवंटित किया जाए।
राजवी ने पत्र में लिखा है कि 13 दिसंबर, 2019 को मैंने पत्र लिखकर मेरी वरिष्ठता के आधार पर राजकीय आवास आवंटित करने का आग्रह किया था। मगर मुझे खेद है कि इस पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। पत्र में कहा गया है कि 14, सिविल लाइन्स बंगला भैरोसिंह शेखावत को बतौर पूर्व मुख्यमंत्री आवंटित किया गया था। उनके निधन के बाद उपराष्ट्रपति पेंशन अधिनियम के तहत उनकी पत्नी सूरज कंवर को यह आवास आवंटित हुआ। इसके बाद सूरज कंवर के निधन के अगले दिन से भैरोसिंह के दत्तक पुत्र विक्रमादित्य सिंह को बंगा आवंटित किया गया। जिसके बाद राज्य सरकार को अग्रिम किराया जमा कराया जा रहा है। मैंने वरिष्ठता के आधार पर उक्त आवास को मुझे आवंटित करने के लिए पत्र लिखे मगर कोई जवाब आज तक नहीं भेजा गया।
विधानसभा पूल में डाले थे आठ आवास
राजवी ने लिखा कि पिछले एक साल में कई विधायकों को उनके मनपसंद आवास आवंटित किए गए थे। आठ आवास विधानसभा पूल में डाले गए और इनके आवंटन के नियम बनाए गए। इसके बाद आठ विधायकों को इन आवासों का आवंटन भी कर दिया गया। जिन्हें आवास आवंटित किए गए हैं, वो मुझसे कनिष्ठ हैं। उक्त सात विधायकों में पूर्व मुख्यमंत्री के बाद कैबिनेट मंत्री और कम से कम तीन बार विधायक की कैटेगिरी में वरिष्ठता के आधा पर मेरा प्रथम नंबर है। इसके बाद भी सरकार ने मेरे पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं करते हुए विधायकों को उनके मनपसंद आवासों का आवंटन कर दिया।
1952 से जनता की सेवा कर रहा है मेरा परिवार
राजवी ने लिखा है कि मैं पांच बार का विधायक हूं और 1952 से मेरा परिवार विधानसभा के माध्यम से राज्य की सेवा कर रहा है। मगर भेदभाव और द्वैषतापूर्ण बर्ताव से हम सभी आहत हैं। बात अब आवास की नहीं अपितु न्याय की है। इसलिए मुझे वरिष्ठ के आधार पर 14 नंबर बंगला आवंटित करने के लिए आदेशित किया जाए।