मूंगफली के दाम बाजार में समर्थन मूल्य से ऊपर, किसानों ने सरकारी खरीद से मुंह फेरा

नोखा क्षेत्र में उत्पादन प्रभावित होने व तिलहनी मांग के चलते खरीफ सीजन की मूंगफली व मूंग की फसलों का बाजार भाव समर्थन मूल्य से ऊपर है।

बीकानेर। नोखा क्षेत्र में उत्पादन प्रभावित होने व तिलहनी मांग के चलते खरीफ सीजन की मूंगफली व मूंग की फसलों का बाजार भाव समर्थन मूल्य से ऊपर है। सरकार ने मूंगफली के समर्थन मूल्य की खरीद की अनुमति के साथ लक्ष्य आवंटित किया है लेकिन अच्छी औसत गुणवत्ता की मूंगफली फसल का समर्थन मूल्य बाजार मूल्य से अधिक होने के चलते समर्थन मूल्य खरीद के प्रति किसान बिल्कुल रुचि नहीं दिखारहे हैं।

इसलिए सरकारी खरीद केंद्रों पर मूंगफली तुलाई कराने के लिए रजिस्ट्रेशन भी नहीं करा रहे हैं। अभी तक नोखा तहसील से मात्र 35 किसानों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है। इतने कम रजिस्ट्रेशन के चलते 18 नवंबर से शुरु होने वाली मूंगफली की सरकारी खरीद 20 दिन बाद भी शुरु नहीं की गई है। जानकारी के अनुसार नोखा तहसील में इस बार समर्थन मूल्य पर मूंगफली तुलाई के लिए कराए गए रजिस्ट्रेशन गत वर्ष की तुलना में एक प्रतिशत भी नहीं है। गत वर्ष 500 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, बावजूद मूंगफली तुलाई नहीं की गई थी। इस हिसाब से तो इस बार मूंगफली की सरकारी खरीद नहीं होगी।

मूंगफली के बाजार भाव मिल रहे ज्यादा
मूंगफली का समर्थन मूल्य 6377 रुपए प्रति क्विंटल है, वहीं इसके बाजार में इसके भाव 6500 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक है। अच्छी गुणवता की मूंगफली तो 7000 रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर तक में बिक रही है। नोखा कृषि उपज मंडी में इन दिनों मूंगफली की अच्छी आवक हो रही है। मंडी परिसर में मूंगफली की ढेरियां करने के लिए जगह तक कम पड़ रही है। मंडी में मूंगफली अच्छी आवक को लेकर व्यापारी उत्साहित हैं।

उत्पादन घटने से बाजार तेज
नोखा तहसील में इस बार मूंगफली की बुवाई तो अच्छी हुई थी लेकिन मौसम और बिजली कटौती से मूंगफली का उत्पादन प्रभावित हुआ है। वहीं, मूंगफली का उत्पादन कम और डिमांड अधिक होने से बाजार भाव तेज है। मूंगफली का सामान्य उत्पादन निकलने के बावजूद तिलहनी फसलों की मांग अधिक होने से मूंगफली का बाजार भी समर्थन मूल्य से अधिक है। किसान संघ का कहना है कि बाजार में समर्थन मूल्य से ज्यादा दाम मिलने के कारण किसान मूंगफली की सरकारी खरीद में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

मूंगफली का समर्थन मूल्य 6377 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि बाजार काफी तेज है। ऐसे में सरकारी खरीद केंद्रों पर अपनी फसल की कौन तुलवाई कराएगा। अभी तक मूंगफली तुलाई के लिए रजिस्ट्रेशन भी बहुत कम हुए हैं। इस बार भी मूंगफली की सरकारी खरीद होना मुश्किल लग रहा है।
गौरव जैन, मुख्य व्यवस्थापक नोखा क्रय विक्रय सहकारी समिति लि. नोखा

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