सरकार का U-टर्न:ट्रेड लाइसेंस पर रोक, व्यापारियों ने 11 सितम्बर को जयपुर बन्द का फैसला लिया वापस


जयपुर। जयपुर में व्यापारियों के संगठनों की ओर से 11 सितम्बर को बाज़ार बन्द करने के ऐलान और सरकार के ही कई मंत्री और कांग्रेस विधायकों के ट्रेड लाइसेंस फीस वसूली के विरोध में उतरने के बाद सरकार ने ट्रेड लाइसेंस फीस वसूली को स्थगित कर दिया है। स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश जारी कर ट्रेड लाइसेंस फीस को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया है।

स्वायत्त शासन निदेशक ने कोरोना काल के कारण आदेश किया स्थगित

स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक और विशिष्ठ सचिव दीपक नन्दी की कलम से जारी आदेश में लिखा गया है कि कई व्यापारिक संगठनों की एप्लीकेशन्स मिली हैं। जिन पर विचार करने के बाद कोरोना महामारी को देखते हुए मौजूदा समय में इन नियमों पर इम्प्लीमेंटेशन को स्थगित किया जाना उचित है। इसलिए इसे स्थगित करते हुए दोनों नगर निगमों से डिटेल्ड रिपोर्ट और रिकॉर्ड मांगा गया है।

सरकार ने माना जयपुर ग्रेटर और हेरिटेज दोनों निगमों में लगाए ट्रेड लाइसेंस शुल्क

राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग ने यह मान लिया है कि जयपुर ग्रेटर और जयपुर हैरिटेज दोनों में ट्रेड लाइसेंस शुल्क लगाए गए हैं। नगर निगम जयपुर ग्रेटर ने 7 जनवरी 2021 को प्रकाशित राजपत्र में और नगर निगम जयपुर हैरिटेज ने 3 जून 2021 को राजस्थान राजपत्र में इसके लाइसेंस शुल्क प्रकाशित किए गए। ऑर्डर में इन दोनों नगर निगमों की ओर से ट्रेड लाइसेंस शुल्क लगाने की जानकारी भी दी गई है।

व्यापार संगठनों ने 11 सितम्बर को जयपुर बन्द का फैसला वापस लिया

व्यापार संगठनों ने अब 11 सितम्बर को जयपुर बन्द का फैसला वापस ले लिया है। व्यापारी संगठनों ने कहा है कि व्यापारियों के बढ़ते दबाव और व्यापारिक संगठनों की ओर से 11 सितंबर को जयपुर बंद के आह्वान को देखते हुए राज्य सरकार ने आदेश जारी कर पहले जारी लाइसेंस शुल्क के इम्प्लीमेंटेशन को स्थगित कर दिया है। इसलिए सरकार के इस फैसले के बाद व्यापारिक संगठनों ने 11 सितंबर को जयपुर बंद के आह्वान को वापस ले लिया है ।

व्यापारियों के संगठन ने कहा-हमारी एकजुटता और दबाव से हुई जीत

अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रान्तीय अध्यक्ष विष्णु भूत ने इसे व्यापारियों की एकजुटता और आरटिया सहित व्यापारिक संगठनों के दबाव की जीत बताया है । जबकि आरटिया के संरक्षक आशीष सराफ ने कहा है कि व्यापारियों के दबाव और व्यावसायिक संगठनों के एकजुट होने के कारण सरकार को झुकना पड़ा और आदेश वापस लेना पड़ा। आरटिया के मुख्य सलाहकार कमल कन्दोई, प्रदेश महामंत्री अनिल सिंघल, प्रदेश कोषाध्यक्ष सुनील गनेडीवाल, कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियानी, प्रदेश संयोजक महेंद्र तोदी, जिला महामंत्री सीए आशीष गुप्ता ने इसे संगठन की कामयाबी करार दिया है ।


Jagruk Janta

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