
माउंट आबू. माउण्ट आबू में विधा भारती अखिल भारतीय शिक्षा की पाँच दिवसीय बैठक गुरूवार से शंकर विद्या पीठ आदर्श विद्या मंदिर में प्रारंभ हो रही हैं। बैठक में होने वाले सत्र व कार्यक्रम एवम विधा भारती के देश भर में सन्चालित होने वाले कार्यों के विषय मे विधा भारती के राष्ट्रीय महामन्त्री देशराज शर्मा व राजस्थान के प्रभारी शिवराज जी ने जानकारी हुए बताया कि विद्या भारती विश्व की सबसे बड़ी शैक्षणिक संस्था है जो 1.52 लाख शिक्षकों के माध्यम से पर्वतीय, जनजातीय क्षेत्रों, सीमांत क्षेत्रों, तटीय क्षेत्रों, गांवों और शहरों व महानगरों में 24,000 से अधिक औपचारिक व अनौपचारिक विद्यालयों में 35 लाख से अधिक विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण व सुसंस्कृत विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान कर रही है।
वंचित, संवेदनशील व चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में 11,000 से अधिक अनौपचारिक केंद्रों में निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। राज्य बोर्ड व सीबीएसई के परिणामों में प्रथम शीर्ष-10 स्थान विद्या भारती के विद्यार्थी ही प्राप्त करते हैं। सत्र 2024-25 में पंजाब, उड़ीसा, उत्तराखंड आदि प्रांतों में प्रथम तीन स्थान विद्या भारती के विद्यार्थियों ने प्राप्त किए हैं। विद्या भारती समाजवाद, राष्ट्रवाद, मानव सेवा, पर्यावरण, विज्ञान, साहित्य व सांस्कृतिक गतिविधियों में विद्यार्थियों द्वारा राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियों के साथ-साथ देशभक्ति से ओतप्रोत वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को समाहित कर आदर्श नागरिकों का निर्माण कर रही है।
देश भर के स्कूलों में 507 से अधिक स्कूल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लर्निंग प्लेटफॉर्म, रोबोट, कोडिंग, इनोवेशन, नैतिकता को प्राथमिकता देने और चरित्र निर्माण को बढ़ावा देकर डिजिटल क्रान्ति के महत्व व उपयोग को जान रहे हैं।
योग, शारीरिक शिक्षा, संस्कृत, नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा, संगीत शिक्षा को पाठ्यक्रम का आधार बनाकर, सामाजिक उत्तरदायित्व, भारतीय ज्ञान परम्पराओं आदि के अनुरूप शिक्षा प्रदान करके, अंग्रेजी एवं विदेशी भाषाओं सहित वैश्विक प्रतिस्पर्धा के साथ मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा प्रदान कर विद्या भारती राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है । विद्या भारती स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त 33 विधाओं में विद्यालय स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक खेलों में प्रतिभाग कर देश को अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी देने में गौरवान्वित है। विद्या भारती का पूर्व छात्र नेटवर्क इसके दीर्घकालिक शैक्षिक विजन का प्रतीक है।
इसके पोर्टल पर 10 लाख 30 हजार से अधिक पूर्व छात्र पंजीकृत हैं, जो विश्व के 87 देशों में रहते हुए विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं, समाज एवं राष्ट्रीय जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कुशल नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं। इस प्रकार यह विश्व का सबसे बड़ा पूर्व छात्र संगठन बन गया है। संस्कार, शिक्षा एवं कौशल बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करते हैं। देशभर में 10,000 से अधिक शिशु वाटिकाओं में कहानी, खेल, हस्तशिल्प के माध्यम से तनावमुक्त वातावरण में शिक्षा प्रदान करके, राष्ट्रीय शिक्षा नीति पाठ्यक्रम में उल्लिखित पंचकोश और पंचपदी शिक्षा पद्धति को अपनाकर सफलतापूर्वक शैक्षणिक कार्य संचालित कर रही है। लद्दाख, हिमाचल, नागालैंड जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में, तृतीयक विद्यालय, जन शिक्षण संस्थान और कौशल केंद्र जैसे व्यावसायिक शिक्षा केंद्र, आदिवासी बंधुओं और गांवों में रोजगारपरक कौशल प्रदान कर रहे हैं। विद्या भारती 14 से अधिक सैनिक स्कूलों का संचालन करती है, पाठ्यक्रम और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करती है, जबकि मानक परिषद देश भर में स्कूलों की गुणवत्ता के मानकीकरण पर काम कर रही है।
आदर्श विद्या मंदिर, शंकर विद्या पीठ, माउण्ट आबू में 11 सितंबर से 14 सितंबर, 2025 तक आयोजित होने वाली विद्या भारती की अखिल भारतीय बैठक में जिला केंद्रों का सशक्तिकरण, अंग्रेजी शिक्षा की गुणवत्ता, शिक्षा क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका, राज्यों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन, शिक्षा में भारतीय विमर्श और विश्व के बदलते परिवेश में भारतीय शिक्षा का योगदान जैसे अनेक विषयों पर निर्णय लिए जाएँगे। बैठक में अखिल भारतीय पदाधिकारियों सहित देश के 11 क्षेत्रों और 28 राज्यों से कुल 211 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।