Electoral Bonds : चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड (चुनावी चंदा) का डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। डेटा से खुलाया हुआ कि किस पार्टी को सबसे ज्यादा और सबसे कम चुनावी चंदा मिला है।
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट की तय समय-सीमा से एक पहले ही चुनाव आयोग ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से मिला इलेक्टोरल बॉन्ड (चुनावी चंदा) का डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। यह डेटा सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनियों के नाम अब सार्वजनिक हो गए है। किस पार्टी को सबसे ज्यादा और सबसे कम चुनावी चंदा मिला है, इसका भी खुलासा हो गया है। चुनाव आयोग के मुताबिक डेटा को दो भागों में साझा किया गया है। डेटा का पहला सेट क्रेता का नाम और बांड के मूल्य को दर्शाता है जबकि डेटा का दूसरा सेट राजनीतिक दलों और उनके द्वारा भुनाए गए बांड के मूल्य को दर्शाता है।
सबसे ज्यादा बीजेपी को मिला दान
अब तक जमा किए गए विवरण के अनुसार, सत्तारूढ़ भाजपा को सबसे अधिक 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का दान मिला। इसमें इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि किसने किस पार्टी को चंदा दिया। बीजेपी को 2019 में 19,71,75,01,000 रुपए, 2020 में 73,89,00,000 रुपए, 2021 में 3,72,99,50,000 रुपए, 2022 में 16,76,32,61,000 रुपए, 2023 में 2,02,00,00,000 रुपए और 2024 में 60,60,51,11,000 रुपए रुपए का चंदा मिला। बीजेपी को कुल 60,60,51,11,000 रुपए दान में मिले।
भारतीय तृणमूल कांग्रेस
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने चुनावी बांड के माध्यम से 1,609.50 करोड़ रुपये प्राप्त करके दूसरा स्थान हासिल किया। ममता बनर्जी की पार्टी को साल 2019 में 87,09,46,000 रुपए, 2020 में 29,77,00,000 रुपए, 2021 में 3,30,94,30,000 रुपए, 2022 में 4,68,80,00,000 रुपए, 2023 में 5,62,47,38,000 रुपए और 2024 में 1,30,45,00,000 रुपए का चंदा मिला।
कांग्रेस
चुनावी चंदा जुटाने में कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही है। कांग्रेस कुल 1,421.9 करोड़ रुपए मिले। इस पार्टी को साल 2019 में 1,70,31,10,000 रुपए, 2020 में 9,00,00,000 रुपए, 2021 में 1,23,92,45,000 रुपए, 2022 में 2,89,36,00,000 रुपए, 2023 में 7,93,37,00,000 रुपए और 2024 में 35,90,00,000 रुपए मिले।
भारत राष्ट्र समिति
कांग्रेस के बाद भारत राष्ट्र समिति पार्टी का नंबर आता है। इस पार्टी को साल 2019 में 37,15,29,000 रुपए, 2021 में 1,53,00,00,000 रुपए, 2022 में 52,89,87,00,00 रुपए, 2023 में 4,95,57,00,000 रुपए का दान मिला। भारत राष्ट्र समिति को कुल 1,214,70,99,000 रुपए का चंदा मिला।
बीजू जनता दल
ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल को इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में कुल 7,75,50,00,000 रुपए मिले। इस पार्टी को साल 2019 में 10,00,00,000 रुपए, 2020 में 77,00,00,000 रुपए, 2021 में 2,41,00,00,000 रुपए, 2022 में 1,95,00,00,000 रुपए और 2023 में 2,52,50,00,000 रुपए का दान मिला है।
डीएमके पार्टी
इस लिस्ट में छठें पायदान पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम पार्टी का नाम आता है। डीएमके पार्टी को साल 2019 में 9,00,00,000 रुपए, 2020 में 80,00,00,000 रुपए, 2021 में 2,05,00,00,000 रुपए, 2022 में 2,85,00,00,000 रुपए, 2023 में 40,00,00,000 रुपए और 2024 में 20,00,00,000 रुपए का चंदा मिला। इस प्रकार से इस पार्टी को कुल 6,39,00,00,000 रुपए का दान मिला।
वाईएसआर कांग्रेस
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी बीते साल के दौरान कुल 3,37,00,00,000 रुपए का दान मिला। इस पार्टी को साल 2019 में 8,25,00,000 रुपए, 2020 में 89,00,00,000 रुपए, 2021 में 66,25,00,000 रुपए, 2022 में 52,00,00,000 रुपए, 2023 में 1,18,50,00,000 रुपए और 2024 में 3,00,00,000 रुपए का चंदा मिला था।
तेलुगु देशम पार्टी
इस साल में तेलुगु देशम पार्टी आठवें नंबर पर है। इस पार्टी को साल 2019 में 7,30,00,000 रुपए, 2021 में 3,50,00,000 रुपए, 2022 में 13,00,00,000 रुपए, 2023 में 76,88,00,000 रुपए और 2024 में 1,18,20,00,000 रुपए का चंदा मिला। इस प्रकार से पार्टी कुल दान के रूप में 2,18,88,00,000 रुपए प्राप्त हुए है।
शिवसेना (राजनीतिक दल)
भारत का एक दक्षिणपंथी मराठी क्षेत्रीय और अतिराष्ट्रवादी राजनीतिक दल शिवसेना पार्टी को चंदा के रूप में 1,58,38,14,000 रुपए मिले प्राप्त हुए है। शिवसेना को 2019 में 32,38,00,000 रुपए, 2022 में 29,00,00,000 रुपए, 2023 में 72,00,14,000 रुपए और 2024 में 25,00,00,000 रुपए का दान मिला है।
राष्ट्रीय जनता दल
इलेक्टोरल बॉन्ड की लिस्ट में लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल दसवें स्थान पर है। आरजेडी पार्टी को दान के रूप में कुल 72,50,00,000 रुपए मिल है। इस पार्टी को साल 2019 में 2,50,00,000 रुपए, 2020 में 1,00,00,000 रुपए, 2023 में 54,00,00,000 रुपए और 2024 में 15,00,00,000 रुपए मिले है।