पेगेसस जासूसी मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी ने आक्रामक रुख अपना लिया है।
जयपुर। पेगेसस जासूसी मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी ने आक्रामक रुख अपना लिया है। पार्टी नेताओं ने आज राजधानी जयपुर में सिविललाइन फाटक पर धरना देकर प्रदर्शन किया और मांग की गई कि पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से कराई जाए। इस दौरान कार्यकर्ताओ की फाटक के पास पुलिस से धक्कामुक्की भी हुई। कई कार्यकर्ता बेरीकेडिंग को पार कर गए। पुलिस से बाद में इन्हें खदेड़ दिया।इससे पहले कांग्रेस नेताओं ने इस मौके पर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि भाजपा अब भारतीय जासूसी पार्टी बन गई है और वे देश की सुरक्षा के साथ लोगों की निजता को भी भंग कर रही है। इसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ये चुनौती भी दी कि उनके खिलाफ किसी भी मामले की जाँच करा लें, लेकिन निम्बाराम को तो सामने लाएं।
डोटासरा के नेतृत्व में धरना— प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में दिए गए इस धरने में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, बीडी कल्ला, महेश जोशी, रघु शर्मा, संयम लोढ़ा, महादेव खण्डेला, खिलाडीलाल बैरवा, गोपाल मीणा, प्रदेश सचिव पुष्पेन्द्र भारदाज, मुमताज मसीह,जसवंत गुर्जर, ललित तूनवाल, सुरेश चौधरी, आर आर तिवाडी, मनोज दुग्गल सहित जयपुर के विधायक, पार्टी पदाधिकारी सहित अन्य नेता मौजूद थे। सभी नेताओं ने केन्द्र सरकार को कोसते हुए कहा कि भाजपा के राज में सब बेहाल है। इस मौके पर पीसीसी अध्यक्ष डोटासरा ने कहा कि अब तो ये साबित हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने मंत्रिमंडल से हटाए गए अपने ही मंत्रियों की भी जासूसी कराई थी, क्यों कि कई मंत्री सरकार की कार्य प्रणाली से खुश नहीं थे। उन्होंने कहा कि सच्चाई सामने आनी चाहिए कि आखिर मंत्रियों को हटाने का आधार क्या था। डोटासरा ने ये चुनोती भी दी कि उनके खिलाफ किसी भी मामले की जाँच करा लें, लेकिन निम्बाराम को तो सामने लाएं।
पीसीसी अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने कहा कि अब तो जजों के भी फोन टेप कराए गए है। इससे अब अदालतों के फैसले पर भी सवाल उठ रहे है। मोदी राज में कोई सुरक्षित नहीं है। मोदी सरकार विपक्ष के नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की जासूसी करवा रही है।पीसीसी अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने कहा कि लोगों की निजता भंग करना किसी देशद्रोह से कम नहीं है। इस पूरे मामले में पीएम मोदी और अमित शाह की मिलीभगत सामने आ गई है। उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से करानी चाहिए।