दिलीप कुमार ने 1966 में सायरा बानो से शादी की थी। जिस समय दिलीप कुमार और सायरा बानो की शादी हुई थी उस समय सायरा बानो 22 और दिलीप साहब 44 साल के थे। सब दिलीप कुमार की शादी की खबर सुनने को बेताब थे मगर अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों में उलझे दिलीप साहब 44 साल के होने पर घोड़ी चढ़ पाए। समय के साथ-साथ इन दोनों का प्यार और भी और गहरा होता गया। दोनों जब सबके सामने हाथों में हाथ थामे आते थे तो लोग इनकी जोड़ी को देखते ही रह जाते थे। दोनों 56 साल का साथ आखिरकार आज टूट गया।
‘कायनात ने उन्हें मुझे तोहफे में सौंपा है’
‘मेरा उनकी जिंदगी में आने का किस्सा तो सभी जानते हैं कि दिलीप साहब तो मुझे कायनात ने तोहफे में सौंपे हैं। मैं अपने स्कूल डेज से ही मिसेज दिलीप कुमार बनना चाहती थी। जब मैं छोटी थी और लंदन में स्टडी कर रही थी तबसे ही मेरा इस तरफ रुझान था कि मैं एक दिन मिसेज दिलीप कुमार बनूंगी। मेरी मदर ने मुझसे कहा था कि आपको मिसेज दिलीप कुमार बनने के लिए वैसे ही शौक पैदा करने चाहिए, जैसे दिलीप साहब फरमाते हैं। तो मैं ये सब सीखने लंदन से अपनी मां से पोएट्री के जरिए खतो-किताबत किया करती थी। जब मैं हिंदुस्तान आई तो मुझे पता चला कि दिलीप साहब को सितार का बेहद शौक है, तो फिर मैंने भी सितार सीखना शुरू कर दिया। चूंकि दिलीप साहब उर्दू में माहिर हैं तो मैंने भी उर्दू सीखना शुरू किया।
मेरी मां ने मेरा करियर शुरू होने के बाद मेरा घर बनाने के बारे में सोचा तो उन्होंने वहीं जगह चुनी जहां से दिलीप साहब का घर पास हो। उनके घर के सामने ही मेरा घर बनवाया गया। यह उनके बंगले से केवल दो बंगले ही दूर था। वो कहते हैं न कि ‘तेरे दर के सामने एक घर बनाऊंगा’। उस दौरान मैं ‘मेरे प्यार मोहब्बत’ की शूटिंग कर रही थी। 23 अगस्त 1966 का दिन था जब मेरी सालगिरह भी आई और मेरी मदर ने उस घर की हाउस वार्मिंग पार्टी भी रखी। मैं फिल्मिस्तान स्टूडियो से शूटिंग करके घर आई तो वहां पार्टी में मेरे को-स्टार्स, डायरेक्टर का जमावड़ा लगा हुआ था। अचानक क्या देखती हूं कि दिलीप साहब खुद आए हैं। मेरे मां ने उन्हें खास इनवाइट किया था और इस ओकेजन के लिए वो मद्रास फ्लाइट लेकर सूट-बूट पहन कर, बड़े हैंडसम होकर मेरी पार्टी में आए थे। वह मेरे लिए मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा गिफ्ट था।’
‘उस रात को पहली बार नोटिस किया’
‘उनका मुझे प्रपोज करने का भी रोचक किस्सा है। दिलीप साहब उस दौर में मेरे साथ काम नहीं करते थे, क्योंकि वे सोचते थे कि वे उम्र में मुझसे बहुत बड़े हैं और मैं उनके साथ बहुत छोटी लगूंगी। हम दोनों की फैमिली का बहुत ज्यादा मिलना-जुलना था तो दिलीप साहब इस बात को लेकर बहुत कॉन्शियस थे कि मैंने तो इस छोटी सी लड़की को बड़े होते देखा है तो मैं इसके साथ हीरो का काम कैसे करूंगा।
राम और श्याम के लिए उनकी हीरोइन का ऑफर मेरे पास आया था पर दिलीप साहब ने इसी संकोच की वजह से उस रोल भी रिफ्यूज कर दिया था। तो ऊपर जिस पार्टी का मैंने उल्लेख किया तो उसमें मुझे देखकर उनका ख्याल बदल गया। उस पार्टी में मैं काफी अच्छे से तैयार हुई थी। मैंने बाल वगैरह बनाए हुए थे, साड़ी पहनी थी तो अपनी उम्र से काफी बड़ी लग रही थी। उन्होंने मुझे गौर से देखकर मुझसे हाथ मिलाया और बोले कि तुम तो पूरी तरह से एक लवली वुमन में तब्दील हो चुकी हो। उस रात को फर्स्ट टाइम उन्होंने मुझे नोटिस किया। उसके दूसरे दिन उनका फोन आया, कि कल का डिनर बहुत अच्छा था और उसके लिए शुक्रिया। बस वहीं से हमारे मिलने का सिलसिला शुरू हुआ।’
‘आठ दिन तक चला था हमारा रोमांस’
‘वे मद्रास से आते और हमारे यहां डिनर वगैरह करके साइट पर शूटिंग के लिए चले जाते थे। उसके बाद आठ दिन तक यह रोमांस चला है। पूरे आठ दिन बाद उन्होंने मुझे प्रपोज किया। मेरी मां, मेरी दादी के पास गए और उनसे ऑफिशियली बोले कि मैं आपकी बेटी से शादी करना चाहता हूं। इसके बाद हमने तत्काल ही हां बोल दिया। अब उनको हम क्या बताएं कि हम तो साहब जिंदगी में आपके आने का मुद्दतों से इंतजार ही तो कर रहे थे, कि किसी तरह से आपका साथ मिल जाए। जिसे 12 वर्ष की उम्र से चाहा और उसी का साथ मिल गया, यह तो कायनात की मेहरबानी ही है। मैं उनकी इतनी दीवानी थी कि मुझे अपने लंदन में स्कूल डेज के दौरान लिटरली उनके डे ड्रीम तक आते थे।’