जयपुर। गुड्स एवं सर्विस टैक्स (जीएसटी) के लागू होने के बाद बदले हुए परिदृश्य तथा राज्य में इसके बेहतर एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार वाणिज्यिक कर विभाग का पुनर्गठन करने जा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभाग के पुनर्गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जोन, नियमित सर्किल एवं वार्डों की संख्या बढ़ाई जाएगी। करदाताओं की सुविधा के लिए अपीलीय प्राधिकारी कार्यालय भी स्वीकृत किए गए हैं।
टैक्सपेयर केयर यूनिट बनेगी
करदाताओं की शिकायतों के समाधान के लिए टैक्सपेयर केयर यूनिट गठित की जा रही है। इसमें योग्य सीए एवं कर व्यवसायी शामिल होंगे। साथ ही, डीलरों के लिए सरल, आसान और त्वरित पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए सेंट्रल रजिस्ट्रेशन यूनिट बनाई जाएगी।
भिवाड़ी होगा नया जोन
जीएसटी के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भिवाड़ी में नया जोन बनाया जाएगा। इससे प्रशासनिक जोन की संख्या 16 हो जाएगी। जोन जयपुर-4 और जोधपुर-2 को कार्यात्मक बनाया जाएगा। नियमित सर्किल की संख्या डेढ गुना तक बढ़ाकर 82 से 135 की जाएगी। नियमित वार्डाें की संख्या भी 296 से 320 की जाएगी।
एंफोर्समेंट विंग और साइबर सेल भी बनाई जाएगी
एंटी इवेजन विंग का नाम बदलकर एन्फोर्समेंट विंग किया जाएगा। कर धोखाधड़ी में लिप्त वास्तविक व्यक्तियों की पहचान करने को साइबर सेल गठित की जा रही है। राज्य, जोन एवं नियमित वृत्त स्तर पर त्रिस्तरीय आॅडिट स्ट्रक्चर बनाकर बड़े और जटिल मामलों की ऑडिट की जाएगी। इसी प्रकार राजस्थान राज्य कर अकादमी (स्टार) को अत्याधुनिक प्रशिक्षण संस्थान बनाने के लिए इसमें वर्तमान में हो रहे बदलाव को शामिल करते हुए अद्यतन किया जाएगा।
कोटा में अपील अथॉरिटी
कोटा जोन में अपीलीय प्राधिकारी का कार्यालय स्वीकृत किया है। कर मूल्यांकन अधिकारियों द्वारा पारित आदेशों के विरूद्ध स्थानीय स्तर पर ही अपील करने की सुविधा मिल सकेगी।
- राजस्व कर में 50% हिस्सा
राज्य सरकार के कर राजस्व संग्रहण में वाणिज्यिक कर विभाग महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। राज्य के कर राजस्व में इसका योगदान लगभग 50 प्रतिशत तक है। - मुख्यमंत्री ने राजस्थान वाणिज्यिक कर सेवा और राजस्थान वाणिज्यिक कर (अधीनस्थ) सेवा के 15 अतिरिक्त पद सृजित करने की स्वीकृति दी है।