जयपुर। राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में गौवंश में तेजी से फैल रही लंपी स्किन डिजीज को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग CM अशोक गहलोत ने PM नरेन्द्र मोदी से की है। गहलोत ने मोदी को लिखे पत्र में कहा कि महामारी घोषित करने से इस बीमारी के बढ़ते प्रकोप और इससे पशुओं को बचाने के लिए मेडिकल और ट्रांसपोर्टेशन जैसी फैसिलिटी को मजबूत करने में मदद मिलेगी। गहलोत ने कहा राजस्थान के अलावा 13 राज्यों में यह बीमारी फैल चुकी है। राजस्थान सरकार लंपी से बचाव और इलाज की सभी पॉसिबल कोशिशें कर रही है। इसके लिए जरूरत के मुताबिक रैपिड रेस्पॉन्स टीमें भी बनाई गई हैं। पशु परिवहन, पशु हाट और पशु मेलों पर पाबंदी लगाई गई है।
केंद्र सरकार की मदद की जरूरत है
CM ने केंद्र सरकार से लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए वैक्सीन डेवलप होने पर प्रदेश को इसकी पर्याप्त मात्रा में सप्लाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। गहलोत ने कहा इस महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार की मदद की जरूरत है। लंपी को महामारी घोषित करने से पशुपालकों और गौशालाओं को पर्याप्त मुआवजा मिल सकेगा।
प्रदेश में 54305 पशुओं की मौत, 12 लाख 12 हजार हुए संक्रमित
राजस्थान के पशुपालन विभाग के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 14 सितम्बर तक राजस्थान में 54305 पशुओं की लंपी डिजीज से मौत हो चुकी है। जबकि 12 लाख 12 हजार 231 पशु इससे संक्रमित हुए हैं। 11 लाख 61 हजार 143 का इलाज किया गया है। 6 लाख 90 हजार 928 रिकवर हुए हैं। 9 लाख 49 हजार 677 पशुओं का वैक्सीनेशन किया गया है।
मेडिसिन और वैक्सीन खरीदने के लिए 30 करोड़ एडिशनल अलॉट
राजस्थान सरकार ने किसान कॉल सेंटर (हेल्पलाइन 181) पर लंपी बीमारी की रोकथाम और कंट्रोलिंग से सम्बन्धित पशुपालकों, आमजन की समस्याओं और गलत फहमियों के सॉल्युशन के लिए कार्यवाही शुरू की है। इमरजेंसी में जरूरी दवाइयां और वैक्सीन खरीदने के लिए 30 करोड़ रुपए एडिशनल अलॉट किए हैं।
प्रदेश में 16.22 लाख वैक्सीन उपलब्ध
राजस्थान में 46 लाख लंपी गोट पॉक्स वैक्सीन खरीदने का प्रोसेस जारी है। फिलहाल प्रदेश में 16.22 लाख वैक्सीन उपलब्ध हैं। बीमारी प्रभावित एरिया में डिजीज सर्वे, डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट के लिए आवश्यकता अनुसार एक्सट्रा व्हीकल किराए पर लेने की स्वीकृति दी जा चुकी है।
197 वेटरनरी डॉक्टर्स और 730 वेटरनरी असिस्टेंट को रेग्युलर नियुक्तियां
प्रदेश सरकार ने बीमारी के प्रभावित क्षेत्रों में अर्जेंट ट्रेम्परेरी बेसिस पर लगे 197 वेटरनरी डॉक्टर्स और 730 वेटरनरी असिस्टेंट्स को नियमित नियुक्तियां दीं हैं। गौशालाओं को दिए जाने वाले अनुदान का पीरियड 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने किया जा चुका है। किसान फार्मर पोर्टल के से 4.32 लाख पशुपालकों और किसानों को लंपी डिजीज से बचाव और रोकथाम के उपायों की एसएमएस से नियमित जानकारी दी जा रही है। स्टेट और डिस्ट्रिक्ट लेवल पर कंट्रोल रूम बनाकर लंपी प्रभावित क्षेत्रों में टीमें बनाकर बीमारी का सर्वे, डायग्नोसिस और इलाज करवाया जा रहा है।
गुजरात-राजस्थान से लेकर जम्मू कश्मीर तक फैला संक्रमण राजस्थान ही नहीं यह बीमारी गुजरात, पंजाब, उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और दक्षिण भारतीय राज्यों समेत कुल 13 राज्यों में फैल चुकी है।
सभी जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में मॉनिटरिंग कमेटी
प्रदेश सरकार ने CM गहलोत के निर्देश पर लंपी कंट्रोलिंग के लिए सभी जिलों में प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए संबंधित जिला कलक्टर की अध्यक्षता में 4 सदस्यों की कमेटी बनाई है। यह कमेटी बीमार पशुओं का समय पर इलाज सुनिश्चित करने और अलग-अलग संबंधित कामों की रेट्स तय करने का काम करेगी। जरूरी दवाओं की उपलब्धता, मृत पशुओं को साइंटिफिक मैथड से दफनाने, दवाओं के किट बनाने, दवाओं की रेट्स तय करने, गौशालाओं और पशुगृहों की नियमित साफ-सफाई, बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखने, वेटरनरी डॉक्टर्स से इलाज सुनिश्चित कराने का काम करेगी। बीमारी को लेकर पशुपालकों और आमजन में फैली गलत फहमियों-अफवाहों को दूर करने के लिए भी शहरी और पंचायत राज संस्थाओं के जरिए प्रचार प्रसार का काम करेंगी। इस समिति में जिला कलक्टर अध्यक्ष, जिला परिषद के सीईओ, जिला कोषाधिकारी और जिला स्तर पर शहरी स्थानीय निकाय के अधिकारी सदस्य होंगे। पशुपालन विभाग के जिला अधिकारी को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।