आजाद भारत की बदलती तस्वीर, ढिंगसरी गांव बना खिलाड़ियों का हब, युवा मार रहे है किक पर किक
-नारायण उपाध्याय
बीकानेर@जागरूक जनता। आजाद भारत की बदलती 21 वीं सदी की तस्वीर सुखद और दिल को सुकून देती है, शहर बड़े महानगरों में तब्दील हो रहे है । वंही गाँवो की तस्वीरों में तो तेजी से बदलाव हो रहा है । कुछ ऐसी ही बदलाव की तस्वीर बीकानेर जिले के पाँचू तहसील के ढिंगसरी गांव की सामने आ रही है । जंहा गांव के युवाओं को बड़े स्तर पर ट्रेनिंग देकर खिलाड़ी बनाने की सराहनीय कोशिश की जा रही है । जिसका बीड़ा उठाया है पूर्व भारतीय फुटबाल कैप्टन मगन सिंह राजवी के बेटे विक्रम सिंह ने, पेशे से रेलवे में टिटी पद पर कार्यरत विक्रम सिंह गांव के युवाओं को फुटबॉल खिलाड़ी बनाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे है । जिसके लिए उन्होंने हाल ही में दिल्ली से फुटबॉल के विशेष कोच को गांव में युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए बुलाया है । गांव के सामाजिक कार्यकर्ता श्रवण सिंह राजवी ने बताया कि दिल्ली से आये कोच सोनू कुमार के निर्देशन में करीब दो दर्जन से अधिक युवा फुटबॉल की ट्रेनिंग ले रहे है । नए कोच के आने से गांव के युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है । ऐसे में विक्रम सिंह के प्रयास गांव की युवा पीढ़ी के लिए वरदान से कम साबित नही होंगे । विक्रम सिंह की बड़ी सोच का नतीजा यह है कि ढिंगसरी गांव अब फुटबॉल का हब बनता जा रहा है, जंहा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से खिलाड़ी बनने की चाह रखने वाले युवाओं के कदम अपने आप ही ढिंगसरी गांव की और बढ़ चले है ।
उल्लेखनीय है, ढिंगसरी गांव का इतिहास गौरवशाली व वीरों की धरती वाला रहा है, राजा-महाराजाओं के काल से लेकर आजादी के बाद से अब तक ढिंगसरी गांव का नाता देश की रक्षा में सबसे आगे रहता आया है । इस गांव से पुलिस, बीएसएफ, सेना, कमांडो व अन्य महत्वपूर्ण सर्विसेज में काबिज है ।