शिव दयाल मिश्राआज हमारे समाज का असली चेहरा देखने की कोशिश करोगे तो जिस काम के लिए समर्थवान की जै-जै कार होती है और वही काम अगर गरीब करता है तो उसे दुत्कार और अपमान की घूंट पीकर अपमानित होना […]

शिव दयाल मिश्रापिछले कोई पौने दो वर्षों से पूरा विश्व कोरोना की मार झेल रहा है। इस कोरोना की मार में कई लोग और देश बर्बाद हो चुके हैं। कितने ही परिवार उजड़ गए हैं। किसी का भाई, किसी का […]

शिव दयाल मिश्रामोबाइल ने आज माला को गायब कर दिया है। एक जमाना था तब भगवान में अटूट विश्वास रहता था। हर समय इंसान ईश्वर को याद रखता था। ईश्वर से डरता था कि कहीं कोई पाप न हो जाए। […]

शिव दयाल मिश्राकहते हैं कि बदलाव प्रकृति का नियम है। जो आज है वो कल नहीं और जो कल है वो परसों नहीं। मगर हमारी संस्कृति के बारे में कहा जाता है कि वह अक्षुण्ण है। भले ही उसका रूप […]

शिव दयाल मिश्रायूं तो दुनिया में बहुतेरे बड़बोले हैं जिनकी आदत ही बहुत ज्यादा बोलने की होती है। बातें चाहे मतलब की हो या बेमतलब की। मगर वे तो बोलोंगे ही। मगर कुछ ऐसा भी है जिन्हें जन्म से लेकर […]

शिव दयाल मिश्रातीनों कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे किसान आंदोलन के बाद आखिर केन्द्र सरकार ने तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी। घोषणा के बाद तरह-तरह की हार और जीत की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कोई […]

शिव दयाल मिश्रादुनियां में एक-दूसरे से सम्पर्क करने के लिए भाषा का जन्म हुआ। पृथ्वी पर सैकड़ों देश हैं। उन देशों में अपनी-अपनी भाषा है भाषाओं के शब्द कोष में एक-एक शब्द के अनेक अर्थ भी निकलते हैं और एक […]

शिव दयाल मिश्राबहुत बातें होती हैं सामाजिक समरसता की। मगर दिखाई देने की बात करें तो वह सिर्फ एक ही जगह मिलती है और वह जगह है टेंट की दूकान। सामाजिक समरसता के नाम पर प्राचीन काल से ही प्रयास […]

शिव दयाल मिश्रासंसार में प्रारंभ से ही प्रेम और लड़ाई चलती आई है और आगे भी चलती रहेगी। प्रारंभ में देव और दानवों में लड़ाई हुआ करती थी। वे हमेशा एक-दूसरे को हराने और मारने पर तुले रहते थे। राजाओं […]

शिव दयाल मिश्राहिन्दू धर्म में श्रीमद्भागवत गीता एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें ईश्वर, कर्म, फल, ज्ञान, जीवन के बारे में बहुत ही विस्तृत और एक-एक बात को बड़े ही सलीके से भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया है। अर्जुन के […]

शिव दयाल मिश्राजब से कोरोना महामारी फैली है तभी से बहुत सारी व्यवस्थाओं में बदलाव हुआ है। उन्हीं बदलावों में एक बदलाव रेलवे सेवाओं में भी हुआ है। भारतीय रेल सेवा को आम आदमी के लिए सस्ती और सहज सुलभ […]

शिव दयाल मिश्राआम आदमी तो कोरोना की मार से मरा पड़ा है। धंधा, रोजगार सब चौपट हुए पड़े हैं। अब जब कोरोना से थोड़ी राहत मिलने लगी है तो लोगों ने भी अपने काम-धंधे शुरू कर दिए हैं। पिछला वर्ष […]

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